नेशनल पेमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया माने NPCI फास्टैग नियमन में बदलाव के लेके सफाई देले बा। बता दीं कि कुछ समय पहिलही रिपोर्ट में दावा कइल गइल बा कि नया नियमन के तहत कम बैलेंस होखे भा फेर फास्टैग ब्लैकलिस्टेड होखला पs टोल प्लाजा से गुजरला पs दोगुना टैक्स देवे के होई। हालांकि NPCI साफ कइलस कि नया नियमन के असर यूजर्स पs ना पड़ी।
फास्टैग कस्टमर पs ना होई कवनो असर
NHAI साफ कइलस कि नया सर्कुलर के मकसद वाहन के टोल प्लाजा से गुजरत घरी बैंकन के बीच FASTag स्टेटस के लेके होखे वाला विवाद के हल कइल बा। नया सर्कुलर इहो तय करत बा कि FASTag ट्रांजैक्शन समय पs होखे, जवना से लोगन के कवनो तरे के परेसानी ना होखे। NPCI के कहनाम बा कि नया फास्टैग नियम रियल-टाइम पेमेंट बेहतर बनइहें सs।
पहिले 70 मिनट के विंडो होखे के कइल गइल रहे दावा
पहिले ई खबर रहे कि जदि कवनो टोल पs पहुंचला पs FASTag ब्लैकलिस्ट हो जात बा, तs यूजर के टोल के दोगुना पेमेंट देवे के होई। बाकिर जदि यूजर फास्टैग स्कैन होखला के 10 मिनट के भीतर अपना FASTag के रिचार्ज कs लेत बा, तs जुर्माना फंड होई। यूजर के लो-बैलेंस अलर्ट मिलला के बाद अपना FASTag के रिचार्ज करे खातिर 70 मिनट के ग्रेस पीरियड दिहल जाई, जवना से ऊ टोल बूथ पs पहुंचला से पहिले पेनल्टी से बच सके।
ऑटो पेमेंट के कस्टमर के सलाह
NHAI फास्टैग लोगन के फास्टैग वॉलेट से यूपीआई आ बैंक अकाउंट के लिंक कs के ऑटो रिचार्ज सेटिंग के सलाह देले बा, जवना से लोगन के बेर-बेर मैन्युअल रिचार्ज ना करे के पड़े। ग्राहक चाहे, तs कइयन तरे से फास्टैग रिचार्ज कs सकत बा। एमे यूपीआई आ नेटबैंकिंग पेमेंट सिस्टम सामिल बा।
जल्दी मिली रियल-टाइम अपडेट
मवजूदा समय में सब केहू के नेशनल हाईवे टोल प्लाजा ICD 2.5 प्रोटोकॉल के इस्तेमाल करेला, जवन रियल-टाइम फास्टैग स्टेट्स के सुविधा देला। हालांकि कुछ स्टेट हाईवे पुरान ICD 2.4 प्रोटोकॉल के इस्तेमाल करत बा, जवना पर देर से अपडेट मिलेला। सरकार जल्दिये एह टोल प्लाजन के ICD 2.5 में बदल दी।
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