Political Parties : 345 पार्टियन के रजिस्ट्रेशन रद्द करी चुनाव आयोग, जानें काहे लेवे जा रहल बा एतना बड़ फैसला

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नई दिल्ली। भारत के चुनाव आयोग 345 गैर-मान्यता प्राप्त पंजीकृत राजनीतिक दलन (RUPPs) के अपना लिस्ट से हटावे के फैसला कइले बा। ई उ दल हवे सs जवन पिछला 6 साल में एको चुनाव नइखे लड़ले आ एकनी के पंजीकृत पता पs कवनो कार्यालय ना मिलल। चुनाव आयोग बतवलस कि देस भर के अलग-अलग राज्यन आ केंद्र शासित प्रदेशन में फले इन 345 दलों ने रजिस्टर्ड अनरजिस्टर पॉलिटिकल पार्टी के रूप में बनल रहे के अनिवार्य शर्तन के पूरा ना कइलस। आयोग के लगे वर्तमान में 2800 से जादे RUPPs रजिस्टर्ड बा, बाकिर एमे से कवनो दल ना तs चुनाव लड़ रहल बा आ ना आपन मवजूदगी साबित कs पा रहल बा।

पंजीकरण रद्द करे के का बा नियम?

चुनाव आयोग के नियमन के मोताबिक, प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के धारा 29A आ चुनाव चिह्न (आरक्षण आ आवंटन) आदेस, 1968 के तहत, कवनो पंजीकृत दल अगर लगातार 6 साल तक लोकसभा, विधानसभा भा स्थानीय निकाय चुनाव में हिस्सा नइखे लेत, तs ओकर पंजीकरण रद्द कइल जा सकत बा। अइसन दल अक्सर खाली कागज पs मवजूद रहेला आ टैक्स छूट, मनी लॉन्ड्रिंग भा आउर गैर-कानूनी गतिविधियन में सामिल हो सकत बा। आयोग एह दलन के पंजीकृत पता के भौतिक सत्यापन कइलस, जेमे एह दलन के मवजूद ना पावल गइल।

2022 में 86 RUPPs के हटावल गइल रहे

चुनाव आयोग अपना बयान में बतवलस कि ई 345 दल देस के अलग-अलग राज्यन आ केंद्र शासित प्रदेशन से बा। एमे से कइयन गो दल अपना पता में बदलाव के सूचना आयोग के ना देलस, जवन नियमन के उल्लंघन बा। एकरा पहिले 2022 में आयोग 86 गैर-मौजूद RUPPs के हटवले रहे आ 253 के ‘निष्क्रिय’ घोषित कइले रहे। अबकियो बेर आयोग सख्ती देखावत निष्क्रिय दलन के हटावे के फैसला कइले बा। एह कदम से एह दलन के मिले वाला लाभ जइसे मुफ्त चुनाव चिह्न आ आउर सुविधा, बंद हो जाई। ई डेग ना खाली राजनीतिक प्रक्रिया के मजबूत करी, बलुक मतदाता के भरोसा के बढ़ाई।

का हs RUPP आ काहे हो रहल बा कार्रवाई?

बता दीं कि रजिस्टर्ड अनरजिस्टर पॉलिटिकल पार्टी (RUPPs) उ दल ह, जवन या तs नया रजिस्टर्ड हs, भा जवना के विधानसभा भा लोकसभा चुनावन में पर्याप्त वोट हासिल नइखे हो सकल कि ओकरा राज्य भा राष्ट्रीय पार्टी के दर्जा मिल सके, भा फेर जे रजिस्ट्रेशन के बाद कबो चुनावे ना लड़ल। अइसन दलन के मान्यता प्राप्त दलन के तरे सब सुविधा ना मिलेला, बाकिर कुछ अधिकार जरूर मिलेल, जइसे सामान्य चुनाव चिह्न (कॉमन सिंबल) के आवंटन। चुनाव आयोग पवलस कि कइयन गो RUPPs एह सुविधन के दुरुपयोग कs रहल बा एहिसे ओकनी के ऊपर ई एक्शन लिहल जा रहल बा।

‘भविष्यो में अइसन कार्रवाई जारी रही’

आयोग स्पष्ट कइलस कि उ आवे वाला समय में अइसन कार्रवाई जारी रखी ताकि खाली सक्रिय आ वैध दल पंजीकृत रहे। प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के धारा 29A के तहत, पंजीकृत दलन के अपना कार्यालय, पदाधिकारियन आ आउर विवरणन में बदलाव के सूचना आयोग के देवे के होला। अगर कवनो दल छव साल ले कवनो चुनाव नइखे लड़त भा ओकर कार्यालय सत्यापन में नइखे मिलत, तs ओकरा के गैर-मवजूद मानके हटावल जा सकत बा। ई नियम धन शोधन आ चुनावी धोखाधड़ी के रोके खातिर बनावल गइल बा।

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