चंद्रग्रहण के चलते देव दीपावली अउरी गंगा महाआरती महोत्सव सात नवंबर के ही मनावल जाई। काशी विद्वत परिषद अउरी ज्योतिषविद के सलाह के बाद आरती समिति ई निर्णय लिहले बा। केंद्रीय देव दीपावली महासमिति, गंगा सेवा निधि, गंगोत्री सेवा समिति, जय मां गंगा सेवा समिति देव दीपावली के आयोजन के तैयारी शुरू कs देहलें बा।
ई जानकारी केंद्रीय देव दीपावली महासमिति के अध्यक्ष आचार्य वागीश दत्त मिश्र, गंगा सेवा निधि के मुख्य संरक्षक श्याम लाल सिंह, अध्यक्ष सुशांत मिश्र, गंगोत्री सेवा समिति के सचिव पं. दिनेश शंकर दूबे, जय मां गंगा सेवा समिति के श्रवण कुमार मिश्र संयुक्त रूप पत्रकार वार्ता में देहलें। आचार्य वागीश दत्त मिश्र बतवलें कि चंद्रग्रहण के दिन हर साल लाखन के संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान करेने। भोरे से अगिले दिन ले हजारो लोग मां गंगा के तट पर ही रहेने।
उ बतवलें कि सात नवंबर के कार्तिक पूर्णिमा साँझ 3:54 बजे से शुरू होई अउरी आठ नवंबर के साँझ 3:53 बजे ले रही। ओह दिन वैकुंठ चतुर्दशी के परब बा। आठ नवंबर के चंद्रग्रहण होखले के चलते ओह काल में भोग अउर आरती संभव नाइ बा। एहलिए सात नवंबर के देव दीपावली अउरी गंगा आरती महोत्सव मनावे के शास्त्र में बतावल गइल बा।