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पुण्यतिथि: मोती बी.ए के पुण्यतिथि पs कइल गइल याद

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मोती बी.ए के 18 जनवरी यानी काल्ह उनकरी पुण्यतिथि पs याद कइल गइल। मोती बी.ए के आवास पs उनकर 15 वां पुण्यतिथि मनावल गइल जवना में प्रोफेसर अजय कुमार मिश्र मुख्य अतिथि रहले। कार्यक्रम के शुरुआत प्रोफेसर अजय कुमार मिश्र जी दीप प्रज्वलित करके आ मोती जी के चित्र के माल्यार्पण कs के कइले।पांच गो विशिष्ट कवियन के मोती बी.ए पुरस्कार से सम्मानित कइल गइल आ आइल सगरी अतिथि आ श्रोता लो के अंगवस्त्र आ प्रशस्ति पत्र दिहल गइल।

कार्यक्रम में मोती बीए के 13 पुस्तकन के नेट संस्करण के विमोचन कइल गइल। जेमें -लाहौर की नहर, भोजपुरी सानेट, मधुतृष्णा, कालिदास कृत मेघदूत का भोजपुरी पद्यानुवाद, रावी से राजघाट, ब्यूटी इन वेल, यौमे आजादी, कवि भावना मानव, मोती के मुक्तक, बादलिका, जूनियर हाई स्कूल पोएट्री का हिंदी पद्यानुवाद, गति के चरण आ एकरी साथे मोती बी.ए की पुत्री डॉक्टर शारदा त्रिपाठी के पुस्तक “आस का दिया” आदि प्रमुख रहे।

 

मुख्य अतिथि प्रोफेसर अजय कुमार मिश्रा कहले कि ‘मोती बी.ए के किताबन पs अबहीं अउरी काम होखे के बा। राकेश श्रीवास्तव मोती बी.ए के संपदा के प्रति योगदान के बखान करत कहले कि मोती बी.ए साहित्य के बचावे के मकसद से संपाद के स्थापना कईले रहले। मोती बी.ए के पुत्र भालचंद्र उपाध्याय आपन रचना सुनवले, “सांसों के सुर पर, बिरहा की धुन पर, मन के सवाल पर, धड़कन की ताल पर, हम गुनगुनाते रहे, तुम याद आते रहे।” कवि डॉ संकर्षण मिश्र मोती बी.ए के याद में कविता पढ़ले, “अपनी आंखों के हम दुलारे हैं, मेरे संग बजते मेरे दिल के सितारे हैं।” साहित्यकार, कवि आ पत्रकार लो चित्र के फूल चढ़ा के श्रद्धांजलि देले लो। उहाँ के रचना आ साहित्य पs चर्चा भइल।

कार्यक्रम में अध्यक्ष डॉ. संकर्षण मिश्र, सम्मानित अतिथि राकेश श्रीवास्तव, कवि रमेश तिवारी अंजन, कवि रामेश्वर प्रसाद यादव, अरविंद त्रिपाठी आ विशेष अतिथि मुजफ्फर हुसैन मुसूरी रहले। बीके सर, भगवान उपाध्याय, प्रेम शंकर तिवारी, घनश्याम मिश्र, बाबूराम प्रजापति, शंभू दयाल भारती, फैजान अंसारी, जीशान अंसारी, ऋतिक गिरी इत्यादि लो मौजूद रहले।

 

 

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