सेंट्रल डेस्क। तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा एह दिनन लगातार चरचा में बाड़ें। हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में 90वां जन्मदिन मनावत दलाई लामा अपना उत्तराधिकारी के लेके बड़हन एलान कइलें, जवना के बाद चीन के तरफ से तीख प्रतिक्रिया आवल स्वाभाविक रहे। ओहिजा, अब दलाई लामा के देस के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न देवे के तयारी हो रहल बा।
इकोनॉमिक टाइम्स के रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय सांसदन के ऑल पार्टी फोरम दलाई लामा के भारत रत्न देला के सुझाव देलस। इहे ना, 80 सांसद एह प्रस्ताव पs हस्ताक्षर कइले बा लो। एकरा के जल्दिये प्रधानमंत्री आ राष्ट्रपति के पास भेजल जा सकेला।
सांसद फोरम CTA से कइलस मुलाकात
तिब्बत पs बनल सर्वदलीय भारतीय संसदीय मंच (All Party Indian Parliamentary Forum on Tibet) संयोजक भर्तृहरि महताब के अगुवाई में कइयन बेर केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (CTA) से मुलाकात कइलस। ओहिजा, राज्यसभा सांसद सुजीत कुमार एह पहल में अहम भूमिका निभा रहल बाड़ें।
चीन के देले करारा जवाब
दलाई लामा के उत्तराधिकारी पs चीन के टिप्पणी के जवाब देत सुजीत कुमार कहलें कि चीन के दलाई लामा के उत्तराधिकारी चुने के कवनो अधिकार नइखे। फोरम तिब्बत के मुद्दा अलग-अलग मंच पs उठावे के फैसला कइले बा। संसद में एकरा पs बात कइल जाई।
उत्तराधिकारी पs चीन के बढ़ल चिंता
बता दीं कि 2 जुलाई के दलाई लामा अपना उत्तराधिकारी के घोषणा करत कहलें कि ई अधिकार गादेन फोडरंग ट्र्स्ट के सउपल जाई, जवना के स्थापना खुद दलाई लामा कइलें। बाकिर, चीन उनकर एह फैसला पs आपत्ति जतावत कड़ा प्रतिक्रिया देलें। चीन के कहनाम बा कि दलाई लामा के उत्तराधिकारी चुनल ओकर आंतरिक ममिला हs आ ई फैसला चीन के सरकार करी।