श्रीमद्भागवत कथा में दूसरका दिन उमड़ल श्रोता लोगन के भीड़
बरहज(देवरिया)/अखिलेश कुमार सिंह। भागलपुर के गहिला में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के आयोजन गया से अइला के बाद मोतीलाल कुशवाहा के तरफ से करावल जा रहल बा। सरस कथा वाचिक कल्याणी वृंदा दूसरका दिन के कथा में बतवली कि मनुष्य से गलती हो गइल बड़ बात ना हs बाकिर अइसन होखला पs समय रहते सुधार आ प्रायश्चित जरूरी बा। अइसन ना भइल तs गलती पाप के श्रेणी में आ जाला।
कथा में पांडवों के जिनगी में होखे वाले श्रीकृष्ण के कृपा के बड़ी सुंदर ढंग से दर्शावल। कहली कि परीक्षित कलियुग के प्रभाव के कारण ऋषि से श्रापित हो जालें। ओहि के पश्चाताप में ऊ शुकदेव के लगे जात बाड़े। भक्ति गो अइसन उत्तम निवेश बा, जवन जिनगी में परेसानियन के उत्तम समाधान देला। संगही जिनगी के बाद मोक्ष के सुनिश्चित करेले।
द्वापर युग में धर्मराज युधिष्ठिर सूर्यदेव के उपासना कs के अक्षयपात्र के प्राप्ति कइलें। हमनी के पूर्वज लो सदैव पृथ्वी के पूजन आ रक्षण कइल। एकरा बदला में प्रकृति मानव के रक्षण कइलज। भागवत के श्रोता के अंदर जिज्ञासा आ सरधा होखे के चाहीं। परमात्मा दिखाई ना देले ऊ हर केहू में बसलें।
एह आवसर पs पूर्व प्रधान रामाज्ञा यादव, संतोष कुशवाहा, शेषमडी, बबून, शत्रुधन कुशवाहा, राघवेंद्र, कुंती देवी, सुनीता देवी, लालमती देवी, फूला देवी, रामावती देवी, साधना देवी आदि मवजूद रहल लो।
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