डीडीयू के फाइन आर्ट्स के संस्थापक आचार्य KN MATHUR के नागरिक समाज देलस श्रद्धांजलि

Anurag Ranjan
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गोरखपुर : डीडीयू के फाइन आर्ट्स विभाग के संस्थापक आचार्य रहल कैलाश नारायण माथुर (KN Mathur) के इयाद में बुध के श्रृद्धांजलि सभा, शांति पाठ आ भंडारा के आयोजन भइल। ऊ ललित कला में अपना विशेष जोगदान खातिर खासा चर्चित रहस। गौर करे वाला बात बा कि उनकर निधन बीतल 10 जनवरी के हो गइल रहे। भंडारा में बड़ संख्या में नागरिक समाज के लोग सामिल भइल आ उनका के इयाद कइल।

प्रो. माथुर कला के क्षेत्र में आपन साहित्यिक गतिविधियन आ भारतीय कला पs सारगर्भित काम करे खातिर समूचा देस में विख्यात रहस। उनकर शिक्षण कार्यकाल के गोरखपुर के बौद्धिक समाज में एगो मानक के रूप में स्थान प्राप्त बा।

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डीडीयू के फाइन आर्ट्स के पूर्व विभागाध्यक्ष आ उत्तर प्रदेश कला कला अकादमी के सदस्य रहल डॉ. भरण भूषण केएन माथुर के इयाद करत कहलें कि ऊ एगो बेहतरीन शिक्षक आ अनुशासित शिक्षक के संगे-संगे अभिभावको रहस। उनका भारतीय प्रवर्ध कला आ पाश्चात्य कला पs समान अधिकार रहे। छापा कला पs उनकर कइयन गो प्रसिद्ध पुस्तक बा। उनकर कृतियन राष्ट्रीय स्तर पs प्रदर्शित होत रहल।

डीडीयू  के फाइन आर्ट्स के संस्थापक आचार्य KN MATHUR  के नागरिक समाज देलस श्रद्धांजलि

विश्वविद्यालय के हेल्थ सेंटर में 35 बरिसन तक कार्यरत रहल डॉ. आनंद किशोर उनका के नमन करत कहलें कि ऊ एगो अभिभावक के रूप में रहस। अच्छा व्यक्तित्व के धनी होखला के संगही ऊ सहजता आ सरलता के संगे सबका खातिर उपलब्ध रहस।

पत्रकारिता पाठ्यक्रम के वर्तमान समन्वयक प्रो. राजेश मल्ल केएन माथुर के इयाद करत कहलें कि ऊ विश्वविद्यालय के आचार्यन के परंपरा के बड़ स्तंभ रहस। ऊ ओह समय के एकलौता आचार्य रहस,जेकरा पीछे विद्यार्थियन के भीड़ लागल करत रहे। उनकर पढ़ावल कइयन गो विद्यार्थी कला के क्षेत्र में देसभर में नाम कमवले बाड़ें। विश्वविद्यालय से जुड़ल रहला केइ बादो गोरखपुर के नागरिक समाज आज उनका के जवना तरे इयाद कs रह बा, ई उनकर ख्याति के दरसावत बा।

रसायन विभाग के पूर्व आचार्य रहल डॉ. शिवशरण दास केएन माथुर के इयाद करत कहलें कि उनकर संबंध विश्वविद्यालय से जुड़े से पहिले से रहल बा। हमनी के अलग-अलग कला प्रतियोगित में उनका के बतौर जज आमंत्रित करत रहनी सs। उनकर फैसला निष्पक्ष होखल करत रहे कि प्रतिभागी ओकरा के सहर्ष स्वीकार करत रहे लो। प्रतिभागियन के उनकर हमेसा मार्गदर्शन प्राप्त होत रहल बा।

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