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Chhath Puja: देशभर में छठ महापर्व के धूम, श्रद्धालु लो उगत सूर्य के दिहले अर्घ्य

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छठ पूजा के अंतिम दिन देश भर के नदी के घाट पs श्रद्धालु लोग जुट के उगत सूरज के अर्घ्य अर्पित कईले।  व्रतधारी मेहरारू आ पुरुष पानी में खड़ा होके सूर्य भगवान के फल, सब्जी आ भोजन के सामान चढ़वले आ अपना प्रियजन के सुख समृद्धि खातिर प्रार्थना कइले। छठ पर्व के शुरुआत नहाय- खाय से होला। एकरा बाद दूसरा दिन खरना करे के बा। फेर तीसरा दिन संध्या अर्घ्य कइल जाला आ चउथा दिन एकरा के उषा अर्घ्य के नाम से जानल जाला। देश में कार्तिक महीना के शुक्ल पक्ष के षष्ठी तिथि के छठ पूजा कइल जाला। ई पूजा भगवान सूर्य आ उनकर पत्नी उषा के समर्पित बा।

छठ व्रत काहे मनावल जाला?

सूर्य के पूजा से सुस्वास्थ्य आ स्वस्थ शरीर के प्राप्ति होला। छठी मइया के पूजा कइला से लइका के लमहर आ सुखी जिनगी मिलेला। छठ के व्रत के पालन कइला से संतान पैदा होखे में खुशी मिलेला आ जेकरा पहिले से संतान हो गइल बा, ओकर लइका लमहर उमिर आ बढ़िया सेहत मिलेला. साथ ही छठ के व्रत करे वाला के आशीर्वाद मिलेला आ ओकर जीवन सुख समृद्धि से भरल रहेला। छठ पूजा में सूर्य देव आ छठी मइया के पूजा होला।

छठ पूजा उषा अर्घ्य समय

छठ पूजा के दिन यानी 8 नवम्बर 2024 के सूर्योदय के समय सबेरे 6.38 बजे बा। एही दौरान व्रतधारी लोग उगत सूर्य के अर्घ्य चढ़ावत रहे आ अपना परिवार के सुख समृद्धि खातिर प्रार्थना करत रहे आ अर्घ्य के बाद प्रसाद लेके छठ के व्रत के समापन कइलीं आऊ बता दीं कि अर्घ्य सूर्य भगवान के जल दिहल जाला पानी में खड़ा होके।

छठ के व्रत कइसे तोड़ल जाला?

पूजा में चढ़ावल प्रसाद खा के छठ के व्रत तुड़े के चाहीं। ठेकुआ, केला आ मिठाई आदि खा के छठ के व्रत तुड़े के चाहीं। ध्यान रहे कि उषा अर्घ्य के बाद ही छठ के व्रत टूटी। साथ ही परना करे से पहिले बड़ लोग के आशीर्वाद लेके छठी मइया के प्रसाद सबके बीच बाँटीं। एकरा बाद खुदे एकरा के ग्रहण करीं।

 

 

 

 

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