चैत्र नवरात्रि 2024 दिन 5 पूजा के विधि: आज 13 अप्रैल दिन शनिवार चइत नवरात्रि के पांचवा दिन । आज स्कन्दमाता के पूजा करे से उत्तम संतान के प्राप्ति होला । आई जाने के माई स्कंदमाता के पूजा विधि,मुहूर्त,मंत्र,भोग,आरती आ योग के बारे में।
चइत माह के शुक्ल पक्ष के पंचमी तिथि प माई दुर्गा के 5 वां स्वरूप के पूजा होखेला। इ देवी पांचवी नवदुर्गा है । स्कंदमाता के पूजा करे से उत्तम संतान के प्राप्ति होला। दाम्पत्य जीवन सुखमय होखेला। पाप मिटेला आ जीवन केअंत में व्यक्ति के मोक्ष मिलेला । माई के कृपा से आदमी के काज में सफलता मिलेला। अबकी बार स्कन्दमाता के पूजा शोभन योग में होई । आई जाने के स्कन्दमाता की पूजा विधि, मुहूर्त, मंत्र, भोग, आरती आ योग के बारे में.
पाप मिट जाला आ जीवन के अंत में व्यक्ति के मोक्ष मिल जाला। एह देवी के कृपा से आदमी के काम में भी सफलता मिलेला। अबकी बेर शोभान योग में स्कंदमाता के पूजा होई।
चइत नवरात्रि के 5वां दिन के मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त: 04:28 AM से 05:13 AM तकले
अभिजित मुहूर्त: 11:56 AM से 12:47 PM तकले
शुभ-उत्तम मुहूर्त: 07:34 AM से 09:10 AM तकले
शोभन आ रवि योग में स्कंदमाता के पूजा कइल जाई
एह दिन शोभन आ रवि योग में स्कंदमाता के पूजा कइल जाई । आज शोभन योग सूर्योदय से रात 12:34 बजे तक बा, जबकि रवि योग आज सबेरे 05:58 बजे से रात 09:15 बजे तक बा। शोभन आ रवि योग के शुभ काम के अंजाम देवे खातिर बढ़िया मानल जाला।
स्कंदमाता के ह ?
स्कंदमाता नाम के मतलब होला स्कंद कुमार के महतारी। भगवान शिव के बड़का बेटा कार्तिकेय के स्कंद कुमार भी कहल जाला। एही तरे माई पार्वती स्कंदमाता हो गइली। ई पाँचवा दुर्गा हई।
स्कन्दमाता के पूजा के मंत्र
1. महाबले महोत्साहे महाभय विनाशिनी।त्राहिमाम स्कन्दमाते शत्रुनाम भयवर्धिनि।।
2. ॐ ऐं ह्रीं क्लीं स्कन्दमातायै नम:।
स्कन्दमाता के प्रिय भोग
आज के दिन स्कन्दमाता के केला के भोग लगावे के चाहि । एकरे अलावा रउवा चाही त रउवा माता के खीर के भी भोग लगा सकत बानी ।
स्कंदमाता के पूजा कइसे करी?
आज सुबह में स्नान कइला के बाद साफ कपड़ा पहिनी । फिर 5वीं नवदुर्गा के ध्यान करके स्कंदमाता के पूजा करी ।स्कंदमाता के मंत्रोच्चार के साथ अक्षत्, कुमकुम, लाल रंग के फूल, केले, बताशे, खीर, धूप, दीप आ चढ़ावत देवी माई के पूजा करी । घी के दीपक आ कपूर से उनकर आरती करी। जवन लोग संतानहीन बाड़े ऊ स्कंदमाता से संतान सुख प्राप्ति के प्रार्थना करी । उनकरा आशीर्वाद से परिवार में खुशहाली आवेला।
स्कंदमाता के आरती
जय तेरी हो स्कंदमाता,पांचवां नाम तुम्हारा आता।सब के मन की जानन हारी,जगजननी सब की महतारी।
तेरी ज्योत जलाता रहूं मैं,हर दम तुम्हें ध्याता रहूं मैं।कई नामों से तुझे पुकारा,मुझे एक है तेरा सहारा।
कहीं पहाड़ों पर है डेरा,कई शहरों में तेरा बसेरा।हर मंदिर में तेरे नजारे,गुण गाए तेरे भक्त प्यारे।
भक्ति अपनी मुझे दिला दो,शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो।इंद्र आदि देवता मिल सारे,करें पुकार तुम्हारे द्वारे।
दुष्ट दैत्य जब चढ़ कर आए,तुम ही खंडा हाथ उठाएं।दास को सदा बचाने आईं,चमन की आस पुराने आई।
Comments are closed.