कैंसर के इलाज : राष्ट्रपति पहिला देशी सीएआर टी-सेल थेरेपी शुरू कइली, अब कैंसर के इलाज कम लागत में जानी पूरा जानकारी
कैंसर वैश्विक स्तर प तेजी से बढ़त गंभीर बिमारी ह , जेकर खतरा साल दर साल बढ़त देखल जाता। कैंसर के मौत के दर भी जादा बा, जवना के बारे में स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभके सचेत क देले। स्वास्थ्य विशेषज्ञ के कहनाम बा कि कैंसर से मौत के दर जादा होखे के एगो मुख्य कारण समय प निदान आ इलाज ना होखल बा। देश के अधिकांश लोग में कैंसर के निदान अंतिम चरण में होखेला, जहां से एकर इलाज आ मरीज के जान बचावल बहुत मुश्किल हो जाला।
भारत में भी कैंसर एगो बड़ खतरा रहल बा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू गुरुवार के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बंबई, पोवाई में आयोजित एगो कार्यक्रम में कैंसर के इलाज खातीर स्वदेशी तरीका से विकसित सीएआर टी-सेल थेरेपी के शुरुआत कइले। आईआईटी बंबई आ टाटा मेमोरियल सेंटर के ओर से विकसित इ जीन आधारित थेरेपी कई प्रकार के कैंसर के ठीक करे में मदद करी।
द लैंसेट रीजनल हेल्थ साउथईस्ट एशिया जर्नल में प्रकाशित एगो अध्ययन के मुताबिक भारत में 2019 में लगभग 12 लाख नाया कैंसर केस आ 9.3 लाख मौत दर्ज भइल। एशिया में एह बेमारी के बोझ दूसरा सबसे जादा भारत बा। स्वास्थ्य विशेषज्ञ उम्मीद जतवले बाड़े कि सीएआर टी सेल थेरेपी कैंसर के इलाज में मदद क सकता।
मेड इन इंडिया थेरेपी से कैंसर के इलाज
NexCAR19 CAR T-cell therapy भारत के पहिला ‘मेड इन इंडिया’ CAR T-cell थेरेपी ह, जवना से इलाज के लागत में काफी कमी आवे के उम्मेद बा।
पिछला कुछ साल में तकनीकी बिकास आ एआई के कारण कैंसर के इलाज में बहुत सफलता मिलल बा, हालाँकि, एकर पहुँच आम लोग ले ढेर लागत के कारण मुश्किल रहल बा। वैज्ञानिकन के उमेद बा कि एह नया थेरेपी के मदद से कैंसर के इलाज आसान हो जाइ।
90 प्रतिशत कम दाम प थेरेपी उपलब्ध होई
चिकित्सा के उद्घाटन के दौरान महामहिम कहले कि हमनी के अपना-अपना क्षेत्र में भारत के दुगो प्रमुख शोध संस्थान बा, जवन कि मानवीय काज खातीर उद्योग के संगे मिल के काम करतारे।
एह देशी चिकित्सा के नया बात ई बा कि एकर लागत दोसरा जगहा उपलब्ध चिकित्सा से 90 फीसदी कम बा । इ दुनिया के सबसे सस्ता सीएआर-टी सेल थेरेपी ह। एकरा अलावे इ ‘मेक इन इंडिया’ पहल के उदाहरण भी बा जवन आत्मनिर्भर भारत के प्रति प्रतिबद्धता के दर्शावता। हमनी के उम्मीद बा कि एह चिकित्सा के मदद से भविष्य में कैंसर से लड़े खातिर देश के मजबूती मिली।
India’s first CAR-T cell therapy is developed through collaboration between the Indian Institute of Technology, Bombay and Tata Memorial Hospital in association with industry partner ImmunoACT. So, we have two of India’s pioneering research institutes in their respective fields,… pic.twitter.com/pTj8kEx9Mw
— President of India (@rashtrapatibhvn) April 4, 2024
सीएआर-टी सेल थेरेपी के बारे में जानें
सीएआर-टी सेल थेरापी भा काइमेरिक एंटीजन रिसेप्टर टी-सेल थेरापी इम्यूनोथेरेपी आ जीन थेरापी के एगो रूप हवे। मरीज के प्रतिरक्षा कोशिका, खास तौर प टी कोशिका के संशोधित करे आ कैंसर से लड़े खातीर तैयार करे खातीर जटिल जेनेटिक इंजीनियरिंग के जरूरत होखेला। सीएआर-टी सेल थेरेपी के मेडिकल साइंस में सबसे अभूतपूर्व प्रगति में से एगो मानल जाला। भारत एह दिशा में प्रगति कइले बा आ स्वदेशी चिकित्सा के विकास कइले बा।
कैंसर के प्रमुख अस्पतालन में उपलब्ध होखी
एह आयोजन का दौरान अपना संबोधन में राष्ट्रपति कहली कि हमरा के बतावल गइल बा कि ई चिकित्सा देश भर के बड़हन कैंसर अस्पतालन में उपलब्ध होखी जवना से मरीजन आ ओह लोग के परिवार के नया उमेद होखी । एकरा अलावे इ सस्ता इलाज दुनिया भर के सभ मरीज के उपलब्ध करावल जा सकता। ई हमनी के “वासुधैव कुटुम्बकम” के विजन के अनुरूप होई। कैंसर से लड़े खातिर एकता आ दृढ़ संकल्प के जरूरत बा, हमनी के उमेद बा कि एह तरह के नवाचारन से हमनी के लक्ष्य हासिल करे में मदद मिली ।
नोट: ई लेख मेडिकल रिपोर्ट से एकट्ठा कइल जानकारी के आधार प तइयार कइल गइल बा।
Disclaimer : खबर भोजपुरी लेख में दिहल जानकारी आ जानकारी के लेके कवनो दावा ना करेला आ ना ही कवनो जिम्मेदारी लेला। उपर के लेख में बतावल गईल संबंधित बिमारी के बारे में अधिक जानकारी खातिर अपना डॉक्टर से सलाह लीं।
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