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बीआरडी में नइखे ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, रिपोर्ट सवालन के घेरा में

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बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के क्रियाशीलता के ले के शासन के भेजल गइल रिपोर्ट सवाल के घेरा में आ गइल बा। मेडिकल प्रशासन के दावा बा कि कॉलेज में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर हइए नइखे त क्रियाशील न होखले के सवाले नाइ उठsला। कॉलेज प्रशासन एके ले के शासन के पत्र लिखले के फैसला लिहले बा।

प्राचार्य खुद डीजीएमई के फोन कर मामिला के पूरा जानकारी दिहले बानें। ऊ बतवलें कि मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन प्लांट लागल बा। एहलिए इहां ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के जरूरत नइखे। कॉलेज में कुछ कंसंट्रेटर कोविड के दूसर लहर के दौरान रखल, लेकिन ओकरे बाद में दूसरे अस्पतालन के दे दिहल गइल रहे।

जानकारी के मुताबिक, कोरोना के तैयारियन के ले के 27 दिसंबर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज, टीबी अस्पताल, होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज समेत छह अस्पताल में मॉकड्रिल कइल गइल रहे। हर अस्पताल खातिर अलग-अलग नोडल अधिकारी तैनात कइल गइल। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में मॉकड्रिल के निगरानी के जिम्मेदारी यूनिसेफ अउर डब्ल्यूएचओ के टीम के मिलल रहे। इहां पs डॉ. मोहित डब्ल्यूएचओ के तरफ से पहुंचल रहे।

ऊ मॉकड्रिल के रिपोर्ट तैयार कs के शासन के भेज दिहले रहनें। मंगर के शासन एह पर समीक्षा रिपोर्ट जारी कइलस, जेमें बीआरडी में 25 फीसदी से कम ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के क्रियाशीलता के ले के सवाल खड़ा कs के व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिहल गइल बा। ई रिपोर्ट मीडिया में प्रकाशित होखले के बाद हड़कंप मच गइल।

प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार बतवलें कि शासन से ई चूक डब्ल्यूएचओ के पर्यवेक्षक के गलत रिपोर्ट के चलते भइल बा। एके ले के शासन के चिट्ठी भी लिखल जा रहल बा। मामिला में उच्चाधिकारियन से बात के जानकारी भी दे दीहल गईल बा।

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