पटना। बिहार में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा के आउर मजबूत करे के दिशा में राज्य सरकार बड़ डेग उठवले बिया। सरकार चरणबद्ध तरीका से राज्य के अलग-अलग जिला में 3200 नया स्वास्थ्य उपकेंद्र खोले के तइयारी में जुटल बिया। एह काम के 2026 में प्राथमिकता के आधार पs पूरा कइल जाई।
एह योजना के मकसद बा कि ग्रामीण आ दूर-दराज इलाका में रहे वाला लोगन के समय पs बुनियादी स्वास्थ्य सुविधा मिल सके। सरकार के माने के बा कि प्राथमिक स्तर पs इलाज मजबूत होई तs बड़ बेमारी से समय रहते बचाव संभव हो पाई।
पहिले से काम करत बा हजारन उपकेंद्र
अभी बिहार के जादेतर गांवन में करीब 10 हजार स्वास्थ्य उपकेंद्र काम करत बा। एह उपकेंद्रन पs मातृ आ शिशु स्वास्थ्य, टीकाकरण, परिवार नियोजन, सामान्य बीमारी के सुरुआती जांच आ जन-स्वास्थ्य जागरूकता जइसन जरूरी काम होत बा।
एह उपकेंद्रन से संस्थागत प्रसव बढ़ल बा, टीकाकरण के दायरा सुधरल बा आ कुपोषण से निपटे में मदद मिलल बा। बाकिर बढ़त आबादी आ स्वास्थ्य सेवा के बढ़त मांग के चलते अब कइयन इलाकन में नया उपकेंद्र खोले के जरूरत महसूस होत रहे।
आधुनिक सुविधा से लैस होइहें सs नया उपकेंद्र
स्वास्थ्य विभाग के मोताबिक, प्रस्तावित 3200 नया स्वास्थ्य उपकेंद्र आधुनिक मानक के हिसाब से बनावल जाई। एह में स्वच्छ भवन, पीये के पानी, बिजली, जरूरी दवाई, जांच किट आ प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी के पूरा इंतजाम होई।
एकरा संगे-संगे आशा कार्यकर्ता आ एएनएम के माध्यम से घर-घर तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचावे के बेवस्था आउर मजबूत कइल जाई।
ग्रामीण स्वास्थ्य ढांचा होई मजबूत
स्वास्थ्य विशेषज्ञन के माने के बा कि जदि ई योजना समय पs पूरा हो जात बा तs ग्रामीण स्वास्थ्य ढांचा में बड़ सुधार देखे के मिली। प्राथमिक स्तर पs कइयन गाे बेमारी के इलाज संभव हो जाई, जवना से जिला अस्पताल आ रेफरल अस्पतालन पs दबाव कम होई। एह पहल से स्वस्थ बिहार के लक्ष्य के नया रफ्तार मिली आ आम लोगन के जीवन स्तर में सुधार आई।
साभार : दैनिक जागरण
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