पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक बा। महागठबंधन नीतीश कुमार के नेतृत्व वाला एनडीए गठबंधन के रोके के कोसिस करत बा। एही सिलसिला में, हाले में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी महागठबंधन में सामिल होखे के इच्छा जतवले रहस। बाकिर, महागठबंधन ओवैसी के कवनो महत्व ना देलस।
अब एकतरफा प्यार ना चली
अब एआईएमआईएम सोमार के साफ कs देलस कि उनकर पार्टी आवे वाला बिहार विधानसभा चुनाव में ‘इंडी गठबंधन’ के हिस्सा ना होई। उ कहलें, “अब एकतरफा प्यार ना चली।”
ओवैसी दावा कइलें कि उनकर पार्टी राजद के नेतृत्व वाला महागठबंधन में सामिल होखे के प्रस्ताव भेजले रहे, बाकिर उहां से उनका ठंडा जवाब मिलल। एकरे बाद, एआईएमआईएम अब तीसरा मोर्चा बनावे के संभावना तलाशत बिया।
चुनाव अपना दम पऽ लड़ी AIMIM
ओवैसी एएनआई से कहलें, “बिहार के लोगन के ई समझे के चाही कि हमनी पऽ लगावल गइल आरोप झूठ रहे। उ नइखे चाहत लो कि गरीब आ उत्पीड़ित वर्ग के कवनो नेता उभरे। उ बस अइसन गुलाम चाहत बा लो जे माथा झुका के उनका पीछे चले।”
उ कहलें कि एआईएमआईएम आगामी चुनाव अपना दम पऽ लड़ी आ पार्टी के बिहार अध्यक्ष अख्तरुल ईमान के सुझावल गइल तीसरका मोरचा के विचार के समर्थन करेले ।
एआईएमआईएम के बिहार के सीमांचल क्षेत्र में निक जनाधार हs आ पार्टी स्पष्ट कइलें कि उ एही क्षेत्र पऽ ध्यान केंद्रित करत चुनाव लड़ी। ओवैसी चुनाव आयोग के आलोचना कइलें।
उ पूछलें कि, “आयोग के केहूओ के नागरिकता तय करे के अधिकार के देले बा? ई एगो संवैधानिक संस्था हs, बाकिर आधिकारिक बयान देला के बजाय, ‘सूत्रन’ के हवाले से खबर आवत बा।”
उ इहो कहलें कि “एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) वास्तव में पिछिला दरवाजा से एनआरसी लागू करे क एगो प्रयास हs।”
गौर करे वाला बा कि बिहार में विधानसभा चुनाव अक्टूबर आ नवंबर 2025 में होखे के संभावना हs, हालांकि, चुनाव आयोग अभी तक तारीख के घोषणा ना कइलें । 243 विधानसभा सीट में से एनडीए के लगे 131 विधायक बा लो, जेमे भाजपा के 80, जदयू के 45, हम (एस) के चार आ दू निर्दलीय सामिल बा।
ओहिजा, विपक्षी दल भारत गठबंधन के लगे 111 विधायक बा, जेमे राजद के 77, कांग्रेस के 19 आ वाम दलन के कुल 15 विधायक सामिल बा लो।