भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में प्रदेश सरकार के पंचायतीराज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी सबसे आगे निकल गइल बानें। चौधरी बुध के एह सिलसिला में भाजपा के शीर्ष नेता लोग से दिल्ली में मुलाकात कइलें। संभावना जतावल जा रहल बा कि बियफे के एकर एलान हो जाई।
बतावल जा रहल बा कि चौधरी के प्रदेश के कमान सौंपे खातिर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के सथही संघ भी सैद्धांतिक सहमति दे देहलें बा। सूत्रन के मुताबिक लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर पार्टी पश्चिमी यूपी के नेता के अध्यक्ष के जिम्मेदारी देहल चाहतिया। उहां जाट वोट बैंक के साधे खातिर चौधरी सबसे मजबूत नेता मानल जा रहल बानें।
अइसन में पश्चिमी यूपी में रालोद अउर सपा के गठबंधन के असर कम करे खातिर उनके आगे कइल गइल लगभग तय हो गइल बा। एसे पश्चिमी यूपी के करीब सात जाट बहुल लोकसभा सीटन पर भाजपा के फायदा हो सकsता। पूरे प्रदेश में भी पिछड़ा वोट बैंक के साधे में मदद मिली। चौधरी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के करीबी हवें अउरी पुरान स्वयं सेवक हवें। चौधरी के बुध के आननफानन आजमगढ़ से दिल्ली बोला लिहलें। एह दौड़ में उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य भी प्रमुख रूप से शामिल रहल बानें।
ब्राह्मण अउरी दलितन पर भी भइल मंथन
पार्टी पूर्व में ब्राह्मण अउरी दलित चेहरों पर भी मंथन कs चुकल बा। ब्राह्मण नेता लोग में उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, सांसद सतीश गौतम, सुब्रत पाठक अउर प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक के नाम शामिल रहल।
दलित नेता में केंद्रीय राज्य मंत्री भानु प्रताप वर्मा, एटा के सांसद रामशंकर कठेरिया, एमएलसी विद्यासागर सोनकर अउरी विनोद सोनकर आगे रहलें। लोकसभा चुनाव 2004, 2009, 2014 अउरी 2019 के समय पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ब्राह्मण ही रहलें। एकरे चुनाव में पार्टी के फायदो भइल रहे।