Banke Bihari Mandir: मंदिर के भीतरो भीड़ के दबाव भोरहीं बन रहल बा। दुपहरिया में मंदिर के पट बंद होखे से लगातार भीढ़ बढ़त जा रहल बा। सांझ के मंदिर के पट खुलल तऽ दिव्य फूलबंगला में विराजमान ठाकुर बांकेबिहारी के झलक पावे खातिर श्रद्धालुअन में उत्सुकता देखल गइल। निर्जला एकादशी कुछ भक्त दू दिन के मनवले। आजो लोग मंदिर पहुंच रहल बाड़े।
निर्जला एकादशी पs सोमवार के ठाकुर बांकेबिहारी के नगर भक्तन के भीड़ से गुलजार रहल। भक्त निर्जल व्रत राख के भोर में यमुना नहान कइले आ फेर ठा. बांकेबिहारी के दर्शन के पंचकोसीय परिक्रमा शुरू कऽ देले। परिक्रमा मार्ग में भोरही श्रद्धालुअन के टोली भगवान के भजन पs नाचत गावत गुजरत रहे। दिन चढ़ला के साथे भीड़ के दबाव बढ़े लागल लगा। मंगर के बड़ संख्या में श्रद्धालु कपाट खुले से पहिलहीं डेरा जमवले बाड़े।
जेठे महीना के शुक्ल पक्ष के निर्जला एकादशी पs अलग – अलग धार्मिक अनुष्ठान भइल। निर्जला एकादशी के व्रत अधिकतर मंदिर, आश्रमन में मंगर के राखल जाई। भोरे यमुना में नहान कइला के बाद वैदिक मंत्रोच्चारण के साथे यमुना महारानी के जलाभिषेक के साथ दुग्धाभिषेक कइल गइल।
मंगर के बड़ संख्या में पहुंचले भक्त
एह एकादशी व्रत के निर्जल राखल जाला। माने, एह व्रत में जल के सेवन ना कइल जाला। मान्यता बा एह एकादशी व्रत के कइला से बरिस 24 एकादशी के व्रत के समान फल मिलेला। एह बेर व्रज के तिथि अधिकतर जगहन पs मंगर के तय कइल गइल बा।
बढ़त भीड़ के दबाव
निर्जला एकादशी पs ठा. बांकेबिहारी के दर्शन के खातिर भक्तन के भीड़ उमड़ पड़ल। ठाकुरजी के ओर से लमहर कतार लगावल गइल गई। भीड़ के ई क्रम विद्यापीठ चौराहा से शुरू भइल, जवन भीतर ले देखे के मिलल। रेलिंग के बीच से गुजरत श्रद्धालु मंदिर के गली नंबर तीन तक पहुंचले। तऽ पुलिस बैरिकेडिंग पs श्रद्धालुअन के रोक रोक के आगे बढे के मौका देलस।