अयोध्या में राम मंदिर के अभिषेक के बाद से श्रद्धालु के आवागमन हो रहल बा। श्री राम के राजधानी में अइसन अनोखा बैंक बा जहाँ पइसा के कवनो लेन-देन ना होला, तबो दुनिया भर से 35 हजार लोग आपन खाता खोलले बा। असल में ई बैंक आस्था आ मानसिक शांति के मकसद से खोलल गइल बा। ई बैंक महंत नृत्यगोपाल दास जी 1970 में खोलले रहले आ आजु यूके, कनाडा, नेपाल, फिजी आ यूएई के लोग भी एहमें खाता खोलले बा। एकर नाम बा ‘इंटरनेशल श्री सीताराम नाम बैंक’।
बता दीं कि महंत नृत्यगोपाल दास श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष भी बाड़े। इहो बतावल जाव कि ई बैंक कइसे काम करेला। असल में लाल रंग के कलम वाला पुस्तिका एहिजा से लोग के जारी कइल जाला। एकरा बाद भक्त लोग एह पुस्तिका पs 5 लाख बेर ‘सीताराम’ लिख के अपना खाता में जमा कs देला। बैंक एगो नियमित पासबुक भी देवेला, जवना में ओकरा द्वारा जमा पुस्तिका के विवरण दर्ज कईल जाला।
रिपोर्ट के मुताबिक प्राण प्रतिष्ठा के बाद एs बैंक में खाताधारक में तेजी से बढ़ोतरी भईल बा। अब एह बैंक के 136 शाखा पूरा भारत आ विदेश में बा। बहुत लोग डाक के माध्यम से बुकलेट मंगा के जमा भी करेला। बैंक के प्रबंधक महंत पुनीत राम दास महाराज कहले कि जईसे लोग मानसिक शांति खातीर मंदिर में जाला, ओसही सीताराम लिख के लोग अपना खाता में शांति अवुरी विश्वास के प्रार्थना के रूप में जमा कs सकतारे। जइसे हम कहत बानी कि भगवान सभकर खाता खोल के ओहमें ओह लोग के नीमन-बाउर काम दर्ज कs दिहले बाड़न। ई खाता भी एही प्रकार के बा।
पुनीत राम दास कहले कि अगर केहू सीताराम 84 लाख बार लिखे तs ओकरा मोक्ष मिलेला।उs बिहार के गया निवासी जीतू नागर के बारे में बतवले कि उs पछिला 14 साल से एs बैंक में आवत बाड़े अवुरी हमेशा श्री राम के नाम पs एगो पुस्तिका जमा करेले।उs बतवले कि जीतू नागर 1.37 लाख बेर सीताराम लिखले बाड़े। जबकि उत्तर प्रदेश के बरेली निवासी सुमन दास 25 लाख सीताराम नाम जमा करवले बाड़े।