राम के प्रेम आ संवाद मंचन देख के दर्शकन के आंख छलकल
बरहज(देवरिया)/ अखिलेश कुमार सिंह। बरहज के ग्राम पंचायत गहिला में हो रहल रामलीला के मुख्य अतिथि बलराम गुप्ता आ विशिष्ठ अतिथि कमलेश गुप्ता रहलें। बलराम गुप्ता फीता काटकर रामलीला के सुभारंभ कइलें। आयोजक दिवाकर नाथ तिवारी आ राजेंद्र सिंह रहल लो। अध्यक्ष राकेश यादव, उपाध्यक्ष सूरज, संचालक शैलेश कुमार आ रामसमुज यादव रहल लो।
श्रीराम के वापस अयोध्या ले आवे खातिर मनावे पहुंल भरत आ राम के प्रेम आउर संवाद मंचन देख के दर्शकन के आंखे छलक उठल। पंडाल में बइठल दर्शकन के मुंह से निकलल भाई होखे तs भरत जइसन।
ममहर से वापस अयोध्या पहुंचल भरत आ शत्रुध्न जब राम, लक्ष्मण, सीता के वन गमन आ पिता दशरथ के मरण के कथा सुनके क्रोधित हो उठल लो। क्रोध में शत्रुघ्न दासी मंथरा के कूबड़ पs खीस से लात मारत बाड़ें तs भरत उनका के समझावत बाड़ें आ श्रीराम के मनाके वापस अयोध्या ले आवे खातिर महामंत्री सुमंत आ अयोध्यावासियन के संगे वन के ओर जात बा लो।
भरत के कुटी के ओर आवत देख लक्ष्मण के आशंका होला कि ऊ लोग श्रीराम से युद्ध करे आ रहल बा। क्रोधित होके लक्ष्मण भरत पs तीख शब्दन के प्रहार कइलें। एही बीच भरत के भाव के समझ के श्रीराम उनकर हाल चाल पूछले आ आवे के कारण जनलें। भावुक भरत श्रीराम से अयोध्या वापस चले के आग्रह कइलें।
राम नीति, अनीति, धर्म, अधर्म के बताके आपन चरण पादुका देके राज्य के संचालन करे खातिर भरत के वापस भेज देत बाड़ें। राम आ भरत के भावुक मिलाप के दृश्य ले मंचन देख दर्शकन के आंखे छलक उठल।
एह दौरान प्रधान विनीत उपाध्याय(अंडिला), पूर्व प्रधान कमलेश गुप्ता, बीडीसी शंकर चौहान, उपाध्यक्ष सूरज यादव, कोषाध्यक्ष परवेज अंसारी, संतोष सिंह, राजन यादव, सरवन गुप्ता, सतेन्द्र यादव(रावण), धीरज कुशवाहा, दीपक सिंह धोनी, सुल्तान यादव, सोनू यादव, विवेक सिंह, सुभम कुशवाहा, अंकिता खरवार, मुस्कान, रेखा, नेहा, साधना गौड़, निधि, लक्की, सुगंधा देवी आदि लोग उपस्थित रहल।
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