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Assam: बियाह आ तलाक के रजिस्ट्रेशन होई, असम सरकार बिल ले आई; लव जिहाद के रोके खातिर कानून भी बनावल जाई

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सरमा कहले कि मुस्लिम विवाह पंजीकरण विधेयक 2024 के असम सरकार के मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल गइल बा। एकरा बाद बियाह रजिस्ट्रेशन के काम काजी के जगह सरकारी अधिकारी करीहे।

अब असम में निकाह आ तलाक के रजिस्ट्रेशन करावल जरूरी हो जाई। राज्य सरकार असम विधानसभा के शीतकालीन सत्र में अनिवार्य मुस्लिम विवाह आ तलाक पंजीकरण विधेयक 2024 पेश करी। विधेयक के घोषणा करत मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा कहले कि ए विधेयक के उद्देश्य राज्य में बाल विवाह के रोकल बा। एकरा अलावे सरकार लव जेहाद के रोके खातीर कानून बनावे के घोषणा भी कइले बिया।

मानसून सत्र से पहिले हिमंत विश्व सरमा कहले कि ए नयका कानून में 18 साल से कम उम्र के लोग के बियाह पंजीकरण पs रोक लगा दिहल जाई। एकरा अलावे नाबालिग के सुरक्षा में बढ़ोतरी होई। संगही, कानूनी मानक के मुताबिक बियाह होई। सरमा कहले कि मुस्लिम विवाह पंजीकरण विधेयक 2024 के असम सरकार के मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल गइल बा। एकरा बाद बियाह रजिस्ट्रेशन के काम काजी के जगह सरकारी अधिकारी करीहे। एकरा बाद बाल विवाह रजिस्ट्रेशन गैरकानूनी हो जाई।

 

मुख्यमंत्री इहो कहले कि राज्य सरकार भी लव जिहाद के लेके कानून बनावे जा रहल बिया। जदी एहमें दोषी पावल गइल तs आजीवन कारावास के प्रावधान होखी। एकरा अलावे अंतर-धार्मिक भूमि हस्तांतरण के संबंध में विधेयक पेश करे के योजना भी बनावल गइल बा। मंत्रिमंडल असम में मुसलमान बियाह रजिस्ट्रेशन खातिर कानून तइयार करे के कहले बिया । एह पर आवे वाला सत्र में विचार कइल जाई।

हाल ही में असम कैबिनेट के बइठक में असम रिपीलिंग बिल यानी असम रिपील अध्यादेश के मंजूरी मिलल रहे। एकर उद्देश्य असम मुस्लिम विवाह आ तलाक रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1935 के रद्द कइल रहे। विधानसभा के मानसून सत्र में भी ई विधेयक पेश कइल जाई। सीएम सरमा वादा कइले कि 2026 तक राज्य से बाल विवाह खतम हो जाई। बता दीं कि लोकसभा चुनाव के बाद असम सरकार राज्य में एकरूप नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करे के एलान कइले रहे।

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