कैंट स्टेशन से अप्रैल से बिहार अउर वाराणसी खातिर पैसेंजर अउर इंटरसिटी जइसन ट्रेन चले लागी। कैंट के सेटेलाइट स्टेशन के रूप विकसित करे के काम अब अंतिम चरण में बा। दू गो नयका लाइन बिछवले के काम अंतिम चरण में बा, जबकि एगो नयका प्लेटफॉर्म बन के तैयार बा। 15 फरवरी से सिग्नल खातिर इंटरलॉकिंग अउर नॉन इंटरलॉकिंग के काम शुरू होई, जौन एक महीना में पूरा हो जाई।
कैंट स्टेशन के भवन बन के तैयार हो गइल बा, जेमें शौचालय, टिकट घर, पूछताछ केंद्र, विश्रामालय भी बा। सीसी रोड बन गइल बा। फुट ओवर ब्रिज के कामो अंतिम चरण में बा। एकरे अलावा, पुरान तीन लाइन पर प्लेटफॉर्म के विस्तार कइल गइल बा ताकि, एक्सप्रेस ट्रेन के खड़ा करने में दिक्कत न आवे।
पहिले से मौजूद फुट ओवर ब्रिज के बढ़ा के अब प्लेटफॉर्म एक से पांच तक कइल जा रहल बा। करीब 70 फीसदी काम हो चुकल बा। कोच में पानी भरे के व्यवस्था सुनिश्चित करे खातिर कोच वाटरिंग सिस्टम के निर्माण हो रहल बा।
ई फायदा होई
- कैंट स्टेशन से ट्रेन के संचालन शुरू होई।
- पैसेंजर, इंटरसिटी, डेमू अउर मेमू ट्रेन लेट नाइ होई।
- स्टेशन पर यात्रियन के आधुनिक सुविधा मिली।
- गोरखपुर जंक्शन पर ट्रेन के लोड कम होई।
- ट्रेन आउटर पर नाइ रोकल जाई।
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह कहनें कि गोरखपुर रेलवे स्टेशन से हो के जाए वाले ट्रेनन के संख्या विगत बरिस में बढ़ल बा। एके ध्यान में रख के गोरखपुर कैंट के सैटेलाइट स्टेशन के रूप में विकसित कइल जा रहल बा। एह स्टेशन पर सब आधुनिक सुविधा भी प्रदान कइल जा रहल बा, जेसे आवे वाले समय में कुछ ट्रेनन के गोरखपुर कैंट रेलवे स्टेशन से चलावल जा सके।
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