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पतन के कगार प खड़ा शिवसेना : विधायक के बाद अब 8 से 9 सांसद नाराज बाड़े, कानूनी कारण से सिर्फ उद्धव के ही छोड़ सकतारे लोग, पार्टी के ना

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उद्धव सरकार में मंत्री एकनाथ शिंदे के बगावत के बाद अब शिवसेना पतन के कगार प खड़ा बिया। जनता के भावुक संदेश देके सीएम उद्धव ठाकरे अब अपना सरकारी आवास यानी वर्षा बंगला से आपन सगरी सामान लपेट के मातोश्री पहुँच गइल बाड़न. एही बीच जानकारी सोझा आवता कि विधायक निहन शिवसेना के 19 में से करीब 8-9 सांसद भी उद्धव के पक्ष छोड़ सकतारे। हालांकि, पक्षपात विरोधी कानून के चलते उनुका शिवसेना में रहे के मजबूरी होई।

सीएम उद्धव के करीबी रहल एगो वरिष्ठ पत्रकार नाम ना बतावे के शर्त प कहले कि एमे से अधिकांश सांसद कोंकण, मराठवाड़ा अवुरी उत्तर महाराष्ट्र के हवे। एहमें से वाशिम के शिवसेना सांसद भावना गवली के नाम सबले प्रमुख बतावल जा रहल बा. उ एकनाथ शिंदे के समर्थन में चिट्ठी लिख के उद्धव से अपील कईले बाड़े कि उ विद्रोही विधायक के मांग प विचार करस अवुरी ए नेता के खिलाफ कार्रवाई मत करस।

उद्धव डेराइल बाड़े, बालासाहेब निहन दबंग नईखन:

नेता लोग के खंभा खोले के बदला लवट आवे के निहोरा कईले, लेकिन विद्रोहियन खाती मुंबई में घुसल आसान नईखे।
सूत्र के मुताबिक इ लोग सत्ता बदले के इंतजार करतारे अवुरी शिंदे के शिवसेना के पूरा कमान मिलते उद्धव से अलगा खड़ा हो जईहे। एह सब के अलावा कुछ अउरी नाम भी बा जवन आज सामने आ सकेला। एकनाथ शिंदे के बेटा श्रीकांत शिंदे, ठाणे लोकसभा सांसद राजन विचारे अवुरी नागपुर के रामटेक सांसद कृपाल तुमाने भी ए पार्टी से नाराज बाड़े।

गवली विद्रोहियन पर कार्रवाई ना करे के कहलन

शिवसेना के सांसद भावना गवली अपना चिट्ठी में लिखले बाड़ी कि हिंदुत्व के पक्ष में विद्रोही विधायक के मांग प विचार होखे के चाही। संगही उ सीएम से अपील कईले बाड़े कि उ विद्रोही विधायक के खिलाफ कार्रवाई मत करस। हालांकि उद्धव समर्थित नेता लोग के कहनाम बा कि भावना के खिलाफ मनी लांड्रिंग मामला के जांच चलता। उनुका के ईडी तीन बेर बोलवले बा. महिला प्रतिष्ठान ट्रस्ट में गवली के खिलाफ मनी लांड्रिंग मामला के जांच चलता। ए ट्रस्ट में मनी लांड्रिंग के मामला बहुत पुरान बा।

कार्यकर्ता के उपेक्षा से इ सांसद नाराज बाड़े

कुछ अवरू लोग में ठाणे के सांसद अवरू एकनाथ शिंदे के बेटा श्रीकांत शिंदे के नाम शामिल बा। ए लोग के संगे-संगे मराठवाड़ा के कुछ सांसद भी उद्धव के ए फैसला से नाराज बाड़े। उ कहतारे कि लोकसभा में 19 सांसद के संगे मजबूत स्थिति में खड़ा होखला के बावजूद उद्धव सिर्फ मुंबई तक सीमित रह गईल बाड़े अवुरी बहुत बेर कहला के बावजूद पार्टी में उनुका से जुड़ल कार्यकर्ता के लगातार उपेक्षा होखता।

ई सांसद उद्धव से अलग हो जइहें, शिवसेना से ना

पक्षपात विरोधी कानून पलायन विरोधी कानून ह, जवना में विधायक चाहे सांसद के पार्टी बदले से रोकल जाला। असल में अगर कवनो विधायक चुनाव से पहिले पार्टी बदल देस त कवनो दिक्कत नईखे, लेकिन जदी उ कवनो एक पार्टी से जीतला के बाद अयीसन करीहे त ओकरा पहिले लोकसभा से इस्तीफा देवे के होई अवुरी उनुका सीट प दोबारा चुनाव होई।

एह नियम के चलते चुनाव के कवनो जरुरत ना रही !

ए कानून में एगो प्रावधान भी बा, जवना के तहत जदी पार्टी के 2/3 सांसद एक संगे पार्टी छोड़ दिहे त उनुका इस्तीफा देवे के जरूरत ना पड़ी अवुरी ना उनुका सीट प चुनाव होई अवुरी ए दौरान उ जवन पार्टी के समर्थन करीहे , उनकर सरकार बिना कवनो परेशानी के सत्ता में आई। हालांकि ए सांसद के हैसियत से महाराष्ट्र विधान सभा प कवनो असर ना पड़ी।

सांसदन के पक्ष बदलला से राष्ट्रपति चुनाव पर असर पड़ी
राष्ट्रपति चुनाव 2022 में जम्मू-कश्मीर में विधानसभा ना होखला के चलते हरेक सांसद के वोट के मूल्य 700 हो गईल बा। अयीसना में जदी शिंदे गुट में जादा सांसद बाड़े अवुरी उ लोग शिवसेना के असली उत्तराधिकारी बन गईले त हो सकता कि विपक्ष के नुकसान उठावे के पड़े।

280050cookie-checkपतन के कगार प खड़ा शिवसेना : विधायक के बाद अब 8 से 9 सांसद नाराज बाड़े, कानूनी कारण से सिर्फ उद्धव के ही छोड़ सकतारे लोग, पार्टी के ना

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