‘बुद्ध की धरती पर कविता’ विषय पर आयोजित हो रहल बा दू दिन के अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार
शैलेन्द्र प्रताप सिंह के उनकर चर्चित पुस्तक 'बुद्ध के बढ़ते कदम" खातिर देहल जाई पहिला "बुद्धचर्या सम्मान 2022"
प्रेमचंद साहित्य संस्थान, वाराणसी अउर हिंदी विभाग, मगध विश्वविद्यालय, बोध गया के संयुक्त तत्वावधान में 12-13 नवम्बर,2022 के मगध विश्वविद्यालय के मन्नूलाल केंद्रीय पुस्तकालय सभागार में दू दिन के अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी “बुद्ध की धरती पर कविता” के आयोजन कइल जा रहल बा। गौतम बुद्ध के जीवन से अभिन्न रूप से सम्बद्ध कुशीनगर अउर लुम्बिनी के पश्चात् बोध गया में, प्रेमचंद साहित्य संस्थान द्वारा आरब्ध, “बुद्ध की धरती पर कविता” शृंखला के ई तीसरा आयोजन ह।
एह दू दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के आरम्भ हिंदी के वरिष्ठ कविद्वय ज्ञानेन्द्रपति अउर आलोक धन्वा के समुपस्थिति में उद्घाटन सत्र के संगे होई, जेकर अध्यक्षता मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जवाहर लाल करिहें अउर दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय,बोध गया के कुलपति प्रो.कामेश्वर नाथ सिंह मुख्य अतिथि होइहें।
आजु समस्त संसार विश्व-युद्ध अउर परमाणु युद्ध के आसन्न खतरा में जीए खातिर अभिशप्त बा उपभोक्तावाद अउर व्यक्तिवाद के चरमपंथी गतिविधि प्रकृति के सर्वनाश कइले पर तुलल बा। अइसे में करुणा,शांति अउर विश्वमैत्री के सबसे बड़ उपदेष्टा गौतम बुद्ध के ओर मानवता निरीह दृष्टि से देख रहल बा।
संगोष्ठी के संयोजक,प्रेमचंद साहित्य संस्थान के निदेशक अउर काशी हिंदू विश्वविद्यालय में हिंदी के आचार्य,प्रो. सदानन्द शाही “बुद्ध की धरती पर कविता” के प्रासंगिकता अउर उपयोगिकता बतावत कहनें कि सम्प्रदायवाद, जातिवाद अउर युद्ध से ग्रस्त मनुष्यता ख़ातिर बुद्ध के चर्चा कौनो महौषधि से कम नइखे। ई संगोष्ठी भुला दिहल गइल हमनी के समाज के सबसे महान पुरखन याद करे वाले ओके स्मृति के आलोक में अपने मनुष्यता के जाग्रत कइले के एगो अनुष्ठान ह।
प्रो.शाही आगे बतवलें कि चूंकि कविता हमनी के निम्मन-बाउर समय के सबसे निम्मन साथी ह अउर वर्तमान के अतीत अउर भविष्य से जोड़ले में एकर कौनो जोड़ नाइ बा, एही से गौतम बुद्ध के हिंदी अउर विश्वकविता कौने तरे सहेजल गइल बा अउर हमनीके सामूहिक भविष्य के सँवारे खातिर बुद्ध के कौने रूप में प्रस्तुत कइल गइल बा, एकर खोज ही एह अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के पहिला कोशिश बा
‘कविता में बुद्ध’, ‘विभिन्न विधाओं में बुद्ध’, ‘संवाद पुरुष बुद्ध’ अउर ‘भारतीय कविता में बुद्ध’ जइसन सत्र में बटाइल संगोष्ठी के मृत्युंजय कुमार सिंह, प्रो.रामसुधार सिंह, प्रो.राजेश मल्ल, प्रो. पृथ्वीराज सिंह, डॉ. भरत कुमार सिंह, महेश आलोक, रामप्रकाश कुशवाहा आदि वक्तागण सम्बोधित करिहें। एकरे अतिरिक्त ख्यातिलब्ध कवि आलोक धन्वा के अध्यक्षता में काव्य-गोष्ठी भी आयोजित होई जेमें हिंदी के वरिष्ठ अउर युवा कवि लोग बुद्ध-केंद्रित कविता के पाठ करिहें।
संगोष्ठी के सह-संयोजक डॉ. विश्वमौलि बतवलें कि एह अवसर पर बुद्ध विचार के गम्भीर अध्येता शैलेन्द्र प्रताप सिंह के उनकर चर्चित पुस्तक ‘बुद्ध के बढ़ते कदम” खातिर “बुद्ध की धरती पर कविता” द्वारा पहिला “बुद्धचर्या सम्मान 2022” देहल जाई।
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