Khabar Bhojpuri
भोजपुरी के एक मात्र न्यूज़ पोर्टल।

राउर बेटी शादीशुदा तs दूसर लड़कियन के काहें बनावत बानी संन्यासी…; जब हाई कोर्ट जग्गी वासुदेव से पूछलस इs सवाल

559

 

सद्गुरु जग्गी वासुदेव एगो अइसन व्यक्तित्व हवें जेकरा के पूरा दुनिया में आध्यात्मिक गुरु के रूप में पहचानल जाला। भारत में जग्गी वासुदेव के हैसियत अलगे स्तर के बा, एही से उनुका के फॉलो करे वाला लोग के संख्या भी काफी ज्यादा बा। बाकिर आजुकाल्हु जग्गी वासुदेव तनिका अलग कारण से सुर्खियन में बा. दरअसल मद्रास हाईकोर्ट सवाल उठवले बा कि जब आध्यात्मिक नेता सद्गुरु जग्गी वासुदेव अपना बेटी के बियाह करा लेले बाड़े तs दोसरा युवती के माथा मुंडवाए के सांसारिक जीवन छोड़ के तपस्वी निहन जिए खातीर काहें प्रेरित करतारे।

जग्गी वासुदेव से कोर्ट के सवाल

न्यायमूर्ति एस एम सुब्रमण्यम आ न्यायमूर्ति वी शिवगनम के पीठ ईशा फाउंडेशन के संस्थापक से ई सवाल पूछलस जब एगो रिटायर्ड प्रोफेसर के आरोप बा कि उनुका दुनु पढ़ल लिखल बेटी के दिमाग धो के ईशा योग सेंटर में स्थायी रूप से रहे के मजबूर कs दिहल गइल बा. एस कामराज, जे कोयंबटूर में तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय में पढ़वले रहले। उs अपना बेटी के निजी तौर पs कोर्ट में पेश करे के मांग करत याचिका दायर कईले रहले।

सोमार के कोर्ट में पेश भईल 42 अवुरी 39 साल के दु महिला बतवली कि उs लोग अपना मर्जी से ईशा फाउंडेशन में रहत रहली। एकरा से पहिले महिला लोग एक दशक पुरान मामला में भी अयीसने गवाही देले रहली, जब उs लोग दावा कईले रहली कि उनुकर माता-पिता के “त्याग” कईला के बाद उनुकर जीवन “नरक” हो गईल बा। हालांकि जज लोग एs मामला के अवुरी जाँच करे के फैसला कईले अवुरी पुलिस के निर्देश देले कि इशा फाउंडेशन से जुड़ल सभ मामला के सूची तैयार कईल जाए।

 

 

 

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Comments are closed.