Sheetala Ashtami 2023: कवना कारण से माता शीतला के बसौड़ा चढ़ावल जाला, इहां जानी
Sheetala Ashtami Puja: शीतला अष्टमी के खास मान्यता बा। एह दिन माई शीतला के विधिवत पूजा होला।
शीतला अष्टमी 2023 : मान्यता के अनुसार शीतल सप्तमी आ शीतला अष्टमी के दिन माई शीतला के पूजा होला। एह दिन माई लोग अपना संतान के स्वास्थ्य खातिर व्रत रखेले आ शीतल माता के पूजा करेले। मानल जाता कि माता शीतला बच्चा के चेचक जईसन बेमारी से बचावेली। एह दिन के बसौड़ा भी कहल जाला काहे कि बसौड़ा के मतलब बासी भोजन माता शीतल के पूजा में चढ़ावल जाला। लेकिन, बहुत कम लोग के एह बात के जानकारी बा कि माता शीतला के बाकी देवता निहन ताजा पकवान काहे ना चढ़ावल जाला अउरी ए दिन खुद भक्त के ताजा प्रसाद काहें ना मिलेला। एकरा पीछे एगो रोचक किंवदंती छिपल बा।
शीतला अष्टमी व्रत के पालन करे वाली मेहरारू लोग एक रात पहिले शीतला मईया खातिर भोग आ प्रसाद तइयार क के अगिला दिने माई शीतला के बसौड़ा चढ़ावेली। कहल जाला कि एह दिन घर में चूल्हा जरावल भी शुभ ना होला। अइसन करे के पीछे एगो प्राचीन कहानी छिपल बा।
मानल जाता कि इ समय के बात ह। एगो गाँव रहे जवना में शीतला माता के पूजा होखत रहे। पूजा करत घरी गाँव के बहुत लोग माई शीतला के ताजा आ गरम पकवान चढ़वले। एह भोग-विलास के चलते माता शीतला के चेहरा जर गईल अउरी उ खिसिया गईली। ओही रात गाँव में आग लाग गइल आ सगरी घर जर गइल बाकिर एगो झोपड़ी रहे जवन ना जरल | सब केहू सोचत रहे कि एगो बुढ़िया के कुटिया कइसे बचल। जब बुढ़िया से पूछताछ भईल त उ बतवली कि शीतला माता के ताजा नाही बल्कि बासी खाना खिलावे के चाहि । माता शीतला बुढ़िया के बसौड़ा खातिर नाराज ना भइली। तबसे माता शीतला के बसौड़ा खियावे के परंपरा शुरू हो गईल। मान्यता के मुताबिक माता शीतला बसौड़ा से खुश होली अउरी सभके स्वस्थ रहे खातीर वरदान देवेली।
शीतल माता के पूजा
भोग आ प्रसाद शीतला अष्टमी से एक दिन पहिले तइयार हो जाला| अगिला दिने नहा के उपवास के संकल्प लेली। महिला लोग एह दिन घर में चूल्हा ना जरावेली। चौराहा पे थाली में प्रसाद, भोग, पानी, रोली, चाउर आ धूप आदि लेके पूजा कइल जाला।
(अस्वीकरण: इहाँ दिहल जानकारी सामान्य मान्यता पर आधारित बा। खबर भोजपुरी एकर पुष्टि नइखे करत।)
Comments are closed.