सुभाष चंद्र बोस जयंती : सुभाष चंद्र बोस के जयंती पे जानल जाऊ कुछ कहल कुछ अनकहल बात

Minee Upadhyay

सुभाष चंद्र बोस जयंती : सुभाष चंद्र बोस के जयंती पे जानल जाऊ कुछ कहल कुछ अनकहल बात

सुभाष चंद्र बोस जयंती : नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जयंती हर साल 23 जनवरी के मनावल जाला। एह मौका पे हमनी के देश के वीर स्वतंत्रता सेनानी नेताजी से जुड़ल कुछ रोचक तथ्य जानब जा।

•इ बेर सुभाष चंद्र बोस के 126वां जयंती मनावल जा रहल बा। इनके जनम 1897 में ओडिशा के कटक में भइल रहे।

• सुभाष चंद्र बोस के जनम 23 जनवरी के भइल रहे। उनकर बाबूजी के नाम जानकीनाथ बोस आ माई के प्रभावती देवी रहे।

• सुभाष चंद्र बोस ‘आजाद हिंद फौज’ के स्थापना कईले रहले।

• सुभाष चंद्र बोस बचपन से ही तेज बुद्धि के रहे। इंग्लैंड के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से सिविल परीक्षा पास कइले रहने।

•1921 में जब ऊ भारत में अंग्रेजन के कइल शोषण के बारे में पढ़लें त ओही समय ऊ भारत के मुक्त करावे के प्रण लिहलें आ इंग्लैंड में प्रशासनिक सेवा के प्रतिष्ठित नौकरी छोड़ के भारत लवट अइलें।

• भारत के आजादी में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के अहम भूमिका रहल बा। मानल जाला कि जर्मनी के तानाशाह एडोल्फ हिटलर पहिला बेर सुभाष चंद्र बोस के ‘नेताजी’ कहले रहले, हालांकि ए बारे में कुछ मतभेद बा।

• भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी में से एक सुभाष चंद्र बोस ‘तुम मुझे खूं दो, मैं तुम्हे आजदी दुंगा’ नारा देले रहले, जवन कि आज तक प्रतियोगी परीक्षा में पूछल जाला।

जान- सुभाष चंद्र बोस से जुड़ल अनसुना बात, एही तरे उनकर तस्वीर एक लाख रुपया के नोट पर छपल रहे

आजाद हिंद सरकार के आपन बैंक रहल, जेकर नाम आजाद हिंद बैंक रहे। आजाद हिंद बैंक के स्थापना साल 1943 में भईल रहे, एह बैंक के दस देश के सहयोग रहे| आजाद हिंद बैंक दस रुपया के सिक्का से लेके एक लाख रुपया के नोट जारी कईले रहे। सुभाष चंद्र बोस के तस्वीर एक लाख रुपया के नोट पे छपल रहे।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस 1980 तक भिक्षु के भेस में भारत में रहत रहले।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस 1950 से 1980 के दशक तक उत्तर प्रदेश के कई हिस्सा में एगो बेनामी भिक्षु के भेस में रहत रहले। पूर्व पत्रकार अनुज धार के किताब ‘ व्हाट हैपेंड टू नेताजी ?’ बोस के जीवन के रहस्य के फैजाबाद पहलू में गहराई से उतरे से पहिले बोस के मौत के तीन गो मुख्य सिद्धांत के विस्तार से बतावत बानी। धार के मुताबिक, प्रधानमंत्री के लगे एगो टॉप सीक्रेट फाइल रहे, जवना में बोस के राज छिपल रहे। नेताजी से जुड़ल रहस्य के जांच में 15 साल बितावे वाला ए लेखक के मुताबिक ओ फाइल में एगोस्वीकारोक्ति बा कि फैजाबाद के साधु भगवानजी असल में बोस रहले अउरी एहीसे सरकार उनुका से संपर्क बनवले रखलस। अनुज धार अपना किताब में दावा कईले कि भगवानजी के दांत के डीएनए टेस्ट के रिजल्ट में अधिकारी हेरफेर कईले रहले।

नेताजी के रहस्यमयी मौत

साल 1945 में 18 अगस्त के ताइवान में विमान दुर्घटना में नेताजी के मौत हो गईल (सुभाष चंद्र बोस मौत)। बाकिर भारत के एगो बड़हन तबका के ई मानल ​​रहल कि सुभाष बोस जिंदा भाग गइल बाड़न आ ओहिजा से रूस चल गइल बाड़न, सुभाष चंद्र बोस के मौत आजु ले एगो रहस्य बनल बा। भारत सरकार उनुका से जुड़ल जानकारी जुटावे खातिर कई बेर अलग-अलग देश के सरकार से संपर्क कईलस, लेकिन उनुका बारे में कवनो ठोस जानकारी ना मिलल। सुभाष चंद्र बोस के निधन के लेके कई तरह के कहानी प्रचलित बा, लेकिन अब तक केहु के लगे उनुका निधन के संबंध में कवनो सबूत नईखे।

कब कहाँ आ कइसे मरन केहू के पता नइखे। मानल जाला कि ऊ खुद गुमनाम हो गइल रहले, आ अपना पता के जानकारी पूरा जिनिगी ना होखे दिहले।

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भोजपुरी पत्रकारिता में 2 साल से काम कइला के अनुभव। भोजपुरी में समाचार लिखे के गहिराह जानकारी के संगे फिलिम, मनोरंजन, स्पेशल स्टोरी आदि सेगमेंट्स के खबरन के पढ़े खातिर हमरा संगे बनल रही खबर भोजपुरी पs।