अयोध्या: 8.5 फीट ऊंच होई रामलला के मूर्ति ताकि सूरज के किरिन से होखे अभिषेक, बैठक में भइल मंथन
रामलला के मूर्ति तनी ऊंच बनावल जाई ताकि रामनवमी पर सूरज के किरण से उनकर अभिषेक हो सकी। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य तय कइलें कि अब पांच फीट नाइ बलुक मूर्ति के ऊंचाई 8.5 फीट रखल जाई त बेहतर होई। ट्रस्ट के बैठक पहिला बेर मणिरामदास के छावनी के चारधाम मंदिर में भइल। बैठक में रामजन्मभूमि में स्थापित होखे वाला अचल मूर्ति के रंग-रूप, भव्यता आदि पs मंथन कइल गइल।
सुझाव दिहल गइल कि मूर्ति के ऊंचाई पांच फीट नाइ बलुक 8.5 फीट ऊंच रखल जाव। वैज्ञानिकन के अनुसार पांच फीट ऊंच मूर्ति पर सूर्य के सीधा किरण नाइ पड़ी। मूर्ति निर्माण में कर्नाटक, उड़ीसा अउर पुणे के मूर्तिकार भी शामिल बानें। ई 15 दिन के भीतर एगो चित्र बना के दीहें।
बैठक के बाद ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय बतवलें कि चूंकि रामलला बाल स्वरूप में विराजमान होई। एहलिए उनके मूर्ति में बालपन झलके के चाहीं। रामचरित मानस में रामलला के बाल स्वरूप के वर्णन जौने तरह से कइल गइल रहे, मूर्ति में ओकर झलक दिखे के चाहीं, एके ले के चर्चा भइल बा। भगवान के हाथ-पैर कइसन होखे, धनुष कइसन होखे, एह सब पर मंथन भइल।
चंपत राय बतवलें कि 2021-23 ले के आय-व्यय के ब्योरा आयकर विभाग में ट्रस्ट द्वारा जमा करा दिहल गइल बा। सब सदस्यन के मंदिर निर्माण के प्रगति से भी अवगत करावल गइल। बैठक में ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास, कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि, जगद्गुरू वासुदेवानंद सरस्वती, जगद्गुरू विश्वेशप्रपन्नतीर्थ, महंत दिनेंद्र दास, ट्रस्टी डॉ.अनिल मिश्र, बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, कामेश्वर चौपाल, पदेन सदस्य जिलाधिकारी नितीश कुमार, मंदिर के आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा सहित कार्यदाई संस्था के इंजीनियर मौजूद रहनें। एगो दूसर ट्रस्टी के. पराशरण वर्चुअल रूप से बैठक से जुड़लें।
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