प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिचर के सुप्रीम कोर्ट में संविधान दिवस समारोह में हिस्सा लिहलस। एह दौरान ऊ ई-कोर्ट परियोजना के तहत विभिन्न नई पहल के शुभारंभ कइलें। एकरे तहत वर्चुअल जस्टिस क्लॉक, जस्टिस मोबाइल एप 2.0, डिजिटल कोर्ट अउर एस3डब्ल्यूएएएस वेबसाइट शुरू कइल गइल। 26 नवंबर 1949 में संविधान सभा द्वारा भारतीय संविधान के अपनावल गइल रहे।
एसे पहिले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संविधान देवेवाले महान लोग के श्रद्धांजलि अर्पित कइलें। ऊ राष्ट्र खातिर उनके दृष्टिकोण के पूरा कइले के प्रतिबद्धता दोहरवलें। पीएम मोदी ट्वीट कइलें कि आजु संविधान दिवस पर, हम ओ महान लोग के श्रद्धांजलि देतनीं जे हमनी के हमार संविधान दिहनें अउर हमनी के देश खातिर उनके दृष्टिकोण के पूरा करे के हम आपन प्रतिबद्धता दोहरावतानीं।
ई मौका संविधान निर्माता के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करे के बा
कानून मंत्री किरेन रिजिजू संविधान दिवस समारोह के दौरान कहनें, संविधान ऊ आधारशिला ह जेपर भारतीय राष्ट्र ठाढ़ बा अउर हर गुजरत साल नयका ऊंचाई के पा सकsता। आजु ई अवसर हमके संविधान निर्माता के प्रति आपन कृतज्ञता व्यक्त करे के अवसर देsता। ऊ कहनें, हमनीं के बाबासाहेब डॉ. आंबेडकर के शब्द के याद करे के चाहीं। ऊ कहले रहनें कि ई स्वतंत्रता हमनी पर बड़ जिम्मेदारी डरले बा। एह आजादी के बाद हम कुछउ गलत खातिर अंग्रेजन के दोष नाइ दे सकतनीं जा।
सामाजिक विभाजन के मिटवले के जरूरत
उहवें अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमनी कहनें, जाति अउर अन्य सामाजिक विभाजन जइसन हानिकाकर समस्या के मिटावे के जरूरत बा। ई काम चुनौतीपूर्ण बा। समानता के दावा जटिल बा अउर हमनीं के नयका विभाजन पैदा कइले बिना कानून, समाज अउर अदालतन के बीच समन्वय के मांग कइल जाए के चाहीं।