संयुक्त राष्ट्र के रिपोर्ट के मुताबिक, ई मानव विकास में मील के पत्थर ह। एह अभूतपूर्व वृद्धि के पीछे सार्वजनिक सेहत, पोषण, स्वच्छता अउर चिकित्सा में सुधार के अहम कारण मानल जा रहल बा।
- रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक जनसंख्या के सात से आठ अरब ले बढ़ले में 12 साल लागल बा। जबकि 2037 तक ई 9 अरब तक पहुंच जाई।
- रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक जनसंख्या के समग्र वृद्धि दर धीमा हो रहल बा।
1950 के बाद से सबसे धीमा विकास दर
कई देश में प्रजनन क्षमता में गिरावट आइल बा। जनसंख्या 1950 के बाद से सबसे धीमा दर से बढ़ रहल बा। बरिस 2020 में एक प्रतिशत से भी कम हो गइल बा।
2023 ले चीन के पीछे छोड़ देईं भारत
भारत चीन के पीछे छोड़ के 2023 ले सर्वाधिक आबादी वाला देश बन जाई। विश्व के आबादी 2080 के आसपास 1040 करोड़ ले पहुंचले के अनुमान बा।
एह आठ देशन में होई आधी आबादी
2050 ले भारत, पाकिस्तान, कॉन्गो, मिस्र, इथियोपिया, नाइजीरिया, फिलीपींस अउर तंजानिया में विश्व के 50 प्रतिशत आबादी निवास कs रहल होई।
2100 में भारत में टीएफआर 1.29 हाेई
इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मेट्रिक्स इवेल्यूएशन की रिपोर्ट के अनुसार 78 साल बाद भारत में टीएफआर 1.29 पर होई, जौन यूएन के आकलन 1.69 से कही कम नाइ बा। भारत के आबादी साल साल 2100 में निर्धारित अनुमान से 43.3 करोड़ तक कम हो सकsतिया।
2010 से 2021 के दौरान 1.65 करोड़ पाकिस्तानी लोग आपन देश छोड़कर दूसरे देश में प्रवास कइले बा। एकरे बाद भारत से 35 लाख, बांग्लादेश से 29 लाख, नेपाल से 16 लाख अउर श्रीलंका से 10 लाख लोग दूसरे देश चल गइलें।
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