गोरखपुर: विश्वविद्यालय में प्रो. कमलेश के अनशन बा जारी, कइलें शिक्षकन से समर्थन में अइले के भावुक अपील
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह के पद से हटवले अउर उनके कार्यकाल के आय-व्यय के जांच के मांग के ले के आंदोलित हिंदी विभाग के आचार्य प्रो. कमलेश गुप्त शनिचर से आमरण अनशन पर बइठलें। प्रो. गुप्त एह समय निलंबित चलsतने। उनके समर्थन में उतरल शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष प्रो. उमेश नाथ त्रिपाठी सब शिक्षकों से व्यक्तिगत हित के छोड़ के समर्थन में अइले के अपील कइले बानें।
प्रो. कमलेश गुप्त सुबह दस बजे से आपन आमरण अनशन प्रशासनिक भवन पर शुरू कइलें। ओंने, शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष प्रो. त्रिपाठी सोशल मीडिया पर आपन पोस्ट साझा कइले बानें। जेमें ऊ कहलें कि एह विश्वविद्यालय के इतिहास में अइसन गंभीर हालात कब्बो पैदा नइखे भइल। एह पीड़ादायक हालात के जिम्मेदार कारकन के अब तलाशे के होई, सोचे के होई, विमर्श करे के होई। सचेत हो के हल भी निकाले के होई।
अइसे प्रतिकूल समय में शिक्षक संघ के अहम भूमिका रहल बा। लेकिन, विगत कई बरिस से शिक्षक संघ के अनुपस्थिति ही आजु अइसन भयावह परिस्थितियन के उत्पन्न कइले बा। विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ शिक्षक, एक सत्य के आग्रही आचार्य के अपने प्राण, आपन जीवन, विश्वविद्यालय के बचावे खातिर दांव पर लगावे के पड़ रहल बा।
प्रो. त्रिपाठी कहलें कि अब शिक्षक संघ के कौनो अस्तित्व नाइ बा तब्बो हम सब के एह भयावह परिस्थितियन के संज्ञान में लेवे के ही होई। व्यक्तिगत हित पर सामूहिक हित के वरीयता देवे के होई। नाइ त क्रमश: सब के गंभीर नुकसान उठावे के पड़ी, जेकर भरपाई कइल कब्बो संभव नाइ हो पाई।
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