जानीं का बा मामला?
जानकारी के मुताबिक धनबाद के सत्यम नगर निवासी एसडी तिवारी के घर एगो बानर के पकड़ के रखल गइल रहल। उ एकर सूचना वन विभाग के दे दीहलें। फोरेस्ट ऑफिसर उहां के प्रभारी जसीम अंसारी के बंदर के अपने कस्टडी में लेवे के निर्देश दिहले रहनें। साथ ही बंदर के रखे खातिर वन विभाग केज (जाली) भी उपलब्ध करा दिहले रहे। एकरे बाद बंदर के पकड़के लावल गइल अउर जाली में बंद कs दिहल गइल। कुछ देर बाद जब प्रभारी निगरानी में अइलें त देखलें की बंदर के क्रूरतम तरीका से हत्या कइल जा चुकल रहे। बंदर के दूनों हाथ के बुरी तरह से तूड़ दिहल गइल रहे। बंदर के मुंह से खून भी गीरत रहे।
बिना पोस्टर्माटम ही बंदर के दफना देहल गइल
बंदर के निर्मम हत्या के बाद पोस्टमार्टम के भी इंतजार नाइ कइल गइल अउर ओके आनन-फानन में दफना दिहल गइल। जबकि वन विभाग के नियम के अनुसार कौनो भी जंगली जानवर के संदेहास्पद स्थिति में मौत होखे पर ओकर पोस्टमार्टम करावल अनिवार्य बा। एह घटना पर पर्दा डाले के पूरा कोशिश भइल लेकिन वरीय अधिकारियन के जानकारी होखले के बाद एकर जांच के आदेश दिहल गइल।