द्रौपदी मुर्मू देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ले लेहले बाड़ी। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण ओनके शपथ दियवले। बता देई कि मुर्मू देश के दूसरकी महिला राष्ट्रपति हई, सर्वोच्च संवैधानिक पद संभालने वाला पहली आदिवासी महिला अउरी स्वतंत्र भारत में पैदा होखले वाली पहली राष्ट्रपति हई।
मेरे लिए जनता के हित सर्वोपरि : द्रौपदी मुर्मू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कहले कि हम ओडिशा के गांव से जीवन यात्रा शुरू कइलीं। ई पद हमार उपलब्धि नाइ, बल्कि देश के गरीबन के उपलब्धि ह। लोकतंत्र के शक्ति से इहां पहुंचल बानीं। हम गौरवान्वित महसूस कर रहल बानीं। हमरे खातिर जनता के हित सर्वोपरि बा।
हमनी के सब बहिन अउरी बेटी अधिक से अधिक सशक्त होखें
राष्ट्रपति मुर्मू कहली कि हम चाहतनी कि हमनी के सभी बहिन अउरी बेटी सब अधिक से अधिक सशक्त होखें अउरी ऊ देश के हर क्षेत्र में आन योगदान बढ़ावत रहें।
हम आप सभन के विश्वास के बनवले रखब
राष्ट्रपति मुर्मू कहली कि जगत कल्याण के भावना के साथ, हम आप सब के विश्वास पर खरा उतरे खातिर पूरा निष्ठा अउरी लगन से काम करे खातिर सदैव तत्पर रहब।
हमार जनजाति प्रकृति के साथ ताल-मेल बना के जीवन के आगे बढ़वलस
राष्ट्रपति मुर्मू कहली कि जन्म त ओह जनजातीय परंपरा में भइल बा जौन हजार बरिस से प्रकृति के साथ ताल-मेल बना के जीवन के आगे बढ़वले बा। हम जंगल अउरी जलाशयन के महत्व के अपने जीवन में महसूस कइलें बानी। हमनी के प्रकृति से जरूरी संसाधन लेनी जा अउरी ओतनही श्रद्धा से प्रकृति के सेवा भी करेनी जा। हम अपने अब तक के जीवन में जन-सेवा में ही जीवन की सार्थकता के अनुभव कइले बानीं जा। जगन्नाथ क्षेत्र के एगो प्रख्यात कवि भीम भोई जी के कविता के एगो पंक्ति ह – “मो जीवन पछे नर्के पड़ी थाउ, जगत उद्धार हेउ”। अर्थात, अपने जीवन के हित-अहित से बड़ जगत कल्याण खातिर कार्य करे के पड़ी।
हम देश के युवा लोग के पूरा सहयोग करब
राष्ट्रपति मुर्मू कहली कि हम अपने देश के युवा लोग से कहल चाहतनी कि आप न केवल अपने भविष्य के निर्माण कs रहल बानी जा बल्कि भविष्य के भारत के नींव भी रख रहल बानीं जा। देश के राष्ट्रपति के तौर पर हमार हमेशा रउआ के पूरा सहयोग रही।
अनगिनत स्वाधीनता सेनानी राष्ट्र के स्वाभिमान के सर्वोपरि रखले के शिक्षा देहलें
राष्ट्रपति मुर्मू कहली कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, नेहरू जी, सरदार पटेल, बाबा साहेब आंबेडकर, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरू, चन्द्रशेखर आज़ाद जैसे अनगिनत स्वाधीनता सेनानी हमनी के राष्ट्र के स्वाभिमान के सर्वोपरि रखले के शिक्षा देहलें रहने। रानी लक्ष्मीबाई, रानी वेलु नचियार, रानी गाइदिन्ल्यू अउरी रानी चेन्नम्मा जइसन अनेक वीरांगना लोग राष्ट्ररक्षा अउरी राष्ट्रनिर्माण में नारीशक्ति के भूमिका के नयका ऊंचाई देहलें रहली।