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तेज-तेजस्वी साथ लउके लागल लो तs विरोधी औंधे मुंह गिरल लो : माई राबड़ी देवी अबकियो घर के जोड़के रखली

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लालू परिवार में दुनों भाइयन के बीचे विवाद के चरचा के बीचे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव आ बड़ भाई तेजप्रताप यादव जदयू कावर से हज भवन में आयोजित इफ्तार पार्टी में संगे नजर आइल लो। दूनों एक संगे एके कार से आइल लो आ एके संगे लवटबो कइल लो। एकरा एक दिन पहले दूनों एक संगे एगो शादी समारोहो में लउकल रहे लो। ए घरी तेजप्रताप यादव मां राबड़ी देवी के आवास 10 सर्कुलर रोड में रह रहल बाड़े। ई दूनों के साथ देखे वालन के मन में सहसा राबड़ी देवी के तस्वीर सोझा आ गइल बा।

जानकारी बा कि एहु बेर राबड़ी देवी घर के टूटे से बचावे में लागल बाड़ी। ऊ चाहत बाड़ी  कि दूनों भाइयन केआपस में लड़ावे आलन के पहचान होखे आ पार्टी मजबूती से आगे बढ़े। ऊ मां हi। लालू प्रसाद, तेजप्रताप यादव के समझवले बाड़े। तेज कहत रहल बाड़े कि ‘लालू प्रसाद तेजस्वी के बेसी मानेले आ राबड़ी देवी उनका के बेसी मानेली।

मुख्यमंत्री तक के पद एकाएक संभारे के पड़ल रहे 

राबड़ी देवी कइयन गो मुश्किल परिस्थितियन में घर के संभरले बाड़ी। लालू प्रसाद जेल आवत-जात रहल बाड़े आ ओकरा बीचे नवो बच्चन के राबड़ी देवी संभारत रहली। 1974 से 1977 के बीचे लालू कइयन बेर गिरफ्तार भइले आ जेल गइले। बाद में जब चारा घोटाले में जेल गइले तब 25 जुलाई 1997 के बिहार के मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के बनावल गइल। उनका घर आ राजनीति दूनों संभारे के पड़ल। राबड़ी देवी एक बेर कहले रही- ‘हमरा तs उनका जेल गइला के आदत लेखा हो गइल बा।’ एतना विपरीत परिस्थिति का बादो ऊ पार्टी के संभार के रखली।

अपना दूनों भाइयन के राबड़ी देवी पार्टी से अलग कइली 

जब लालू प्रसाद के साला लोगन के वजे से पार्टी पs असर पड़े लागल तब राबड़ी देवी ओहु दूनों के अलग कइली। तब लागल रहे कि साधु-सुभाष पार्टी के बड़ नुकसान पहुंचाई लो बाकिर अइसन कुछ ना भइल। राबड़ी देवी समझ लेले रही कि दुनों के वजह से पार्टी असमंजस में पड़ जात रहल बिया। चारा घोटाला ममिला में जेल से लवटला के बाद लमहर समे ले राबड़ी देवी दिल्ली में रहली आ लालू प्रसाद के सेहत के खेयाल राखत रही। कव बेर चरचा भइल कि पार्टी टूट जाई बाकिर राजद बिहार में जनता के द्वारा घोषित सबसे बड़ पार्टी बिया।

अपना बयान से पार्टी के मनोबल ऊंच राखेली

राबडी देवी बहुत पढ़ल-लिखल नइखी, बाकिर ऊ शब्दन से सत्ता के खूब समझेली। इहे कारण बा कि जब विधान परिषद में अशोक चौधरी ने उनका के कहले  कि पढ़ला-लिखला से कवनो मतलब ना रहेला तs ऊ  वेल में आ गइली। पॉलिटिकल बयान के जवाब पॉलिटिकल बयान से देली। पार्टी के मन-मिजाज ऊ गिरे ना देवेली। ऊ मुकेश सहनी के बारे में दू टूक बोले आल नेत्री हई आ नीतीशो कुमार के खिलाफ। बेसी ना बोलेली बाकिर जब बोलेली तs सार बोलेली।

तेजप्रताप के मनावे लालू प्रसाद के लेके उनका घरे गइल रहली

कुछ समे पहिले जब लालू प्रसाद पटना अइले आ सीधे राबड़ी देवी के आवास गइले तs बड़ बेटा तेजप्रताप यादव के खीस भड़क उठल रहे। ऊ अपना सरकारी आवास के बाहर नारेबाजी सुरू कs देले, धरना दे देले। राबड़ी देवी रात के समे लालू प्रसाद के कार से लेके तेजप्रताप के आवास पs पहुंचली। तेजप्रताप लालू प्रसाद के गोड़ धोवले तब ममिला शांत भइल।

ऊ उकसावहु आलन के खूब जानेली 

राजद के पार्षदन के नीतीश कुमार तूर के राबडी देवी से विधान परिषद में विपक्ष के नेता का पद छिनवा देले रहस। बाकिर 24 सीटन पs भइल चुनाव के बाद राबड़ी देवी फेर से उच्च सदन में नेता वरोधी दल हो गइली। हाल के दिनन में ऊ पार्टी के बइठक लेत दिखली आ सार्वजनिक कार्यक्रम में नई नवेली बहू राजश्री का घूंघट ठीक करत। हालांकि तेजप्रताप के वैवाहिक मामला ना संभल सकल आ ऊ कोर्ट में बा। बाकिर राबड़ी देवी एह बातन के समझेली कि दूनों भाइयन के समर्थक अलग-अलग हो गइल बा लो।

एह सब के बावजूद इहो जानत बाड़ी कि दूनों भाई साथ रही लो आ समझदारी से रही लो तs उकसावे आला वाले सफल ना होई लो। जानकारी बा कि राबड़ी देवी के कहले पs दुनो भाई सार्वजनिक कार्यक्रमन में संगे लउकत बा लो आ लोगन के बीच मैसेज दे रहल बा लो कि पार्टी एकजुट बा। परिवार एकजुट बा।

साभार: दैनिक भास्कर

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