एह फ़ाग में पिया तोहर नऊवे एक रंग बा (होली कविता)- नेहा नूपुर के कलम से
एह फ़ाग में पिया तोहर नऊवे एक रंग बा
इहे बा गुलाल मोरा, इहे मोर भंग बा
आके तू हमके गरबा लगाव
खेत खलिहान दुअरवा देखाव
नौलक्खा ना दसलखा सइयां
गलबइयाँ के हरवा पेनहाव
रात के खयाल इहे
भोर के सपन बा
एह फ़ाग में पिया तोहर नऊवे एक रंग बा
इहे बा गुलाल मोरा, इहे मोर भंग बा
पूरब से लेके पच्छिम सइयां
पयलिया बोले छिम छिम सइयां
घरवा हमके काटे-धावे
हिय मोर तरसे पलछिन सइयां
कइसन बिधाता के
दिहल तपन बा
एह फ़ाग में पिया तोहर नऊवे एक रंग बा
इहे बा गुलाल मोरा, इहे मोर भंग बा
नेहा नूपुर के परिचय
जून 2013 से भोजपुर जिले के उदवंतनगर प्रखंड में शिक्षिका के पद पs कार्यरत।
काव्य संग्रह ‘जीवन के नूपुर’ व ‘क्षितिज के ख़्वाब’ के रचयिता।
2016 में लिखल खुला ख़त के तत्कालीन उप-मुख्यमंत्री श्री तेजस्वी यादव शेयर कइले।
वेबपोर्टल आ सोशल मीडिया इनिशिएटिव www.aapnabihar.com प करीब दु साल ले चीफ एडिटर के रूप में काम के अनुभव, जवना के तहत बिहार के सकारात्मक क्षवि प्रस्तुत कइल गइल।
www.patnabeats.com पs ‘एक कविता बिहार से’ के मंच पs नामचीन आ नवोदित कवियन के कविता के श्रृंखला में लगभग 60 कड़ियों के सफल संपादन आ प्रकाशन।
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