सेंट्रल डेस्क: प्रवर्तन निदेशायल के ताजा रिपोर्ट के अनुसार 50,000 करोड़ रुपिया से जादे के संपत्ती के जब्ती मुकदमेबाजी आ स्थगन आदेस के कारण अटकल पड़ल बा। एह संपत्तियन के ईडी धन शोधन निवारण कानून के तहत अनंतिम रूप से अटैच कइले रहे।
जांच एजेंसी के धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जांच के दौरान ओह संपत्तियन के अस्थायी रूप से अटैच करे के अधिकार बा, जवना के बारे में संदेह बा कि ऊ अपराध के आय हs। एह तरे के अनंतिम आदेस के जारी होखला के 180 दिनन के भीतर उक्त कानून के न्यायाधिकरण के ओर से पुष्टि कइल जाये के चाहीं। रिपोर्ट के अनुसार ईडी 2005 से लेके 2025 तक पीएमएलए के प्रभावी होखला के बाद से 1.55 लाख करोड़ रुपिया के संपत्ति अचैट कइले बा, जेमे से 1.07 करोड़ रुपिया मूल्य के संपत्तियन के पुष्टि वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंत तक न्यायाधिकरण के ओर से कइल जा चुकल बा, बाकिर कानूनी बाधा के कारण 50 हजार करोड़ रुपिया से जादे के जब्ती अभियो अटकल बा।
100 पीएमएलए अदालत, एकरा बादो ममिलन में हो रहल बा देरी
ईडी अपना रिपोर्ट में कहले बा कि देसभर में 100 विशेष पीएमएलए अदालत होखला के बावजूद मनी लॉन्ड्रिंग ममिलन के सुनवाई समय पs पूरी नइखे हो पावत। एमे व्यवस्थागत आ प्रक्रियात्मक बाधा आ रहल बा। कइयन गो अदालत आउर कानूनन के तहत ममिलन के बोझ से दबल बाड़े सs। रिपोर्ट में कहल गइल बा, अक्सर अंतरिम आवेदन, रिट याचिका आ जमानत के ममिला दायर होखला से मुकदमा बाधित होला। एमे से कुछ ममिल हाईकोर्ट आ सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचेला, जवना से पीएमएलए के तहत मुकदमन के निरंतरता आ शीघ्र निपटान प्रभावित होला।
ईडी के सजा दर 93 प्रतिशत
एह बीच बीतल बियफे के ‘ईडी दिवस’ पs आयोजित एगो कार्यक्रम में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशक राहुल नवीन कहलें कि एजेंसी के सजा दर 93.6 प्रतिशत बा। काहेकि अब तक अदालतन के ओर से तय कइल गइल 47 ममिलन में से खाली तीन ममिलन में आरोपी बरी भइल बा। एजेंसी प्रमुख कहलें कि ऊ स्पष्ट रूप से स्वीकार करत बाड़ें कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत सुरू कइल गइल कइयन गो जांचें बहुत लमहर समय से लंबित रहे, बाकिर एह साल हमनी के ध्यान जांच पूरी करे आ आखिरी आरोपपत्र तेजी से दाखिल करे के प्रयासन पs बा।