Khabar Bhojpuri
भोजपुरी के एक मात्र न्यूज़ पोर्टल।

भीष्म पंचक व्रत आज से सुरू, जानीं इहां पूजा मुहूर्त, विधि आ महत्व

146

 

भीष्म पंचक हिन्दू कैलेंडर के कार्तिक महीना के अंतिम पांच दिन में मनावल जाला जवन आश्विन पूर्णिमा भा शरद पूर्णिमा सुरू होके कार्तिक पूर्णिमा के समाप्त हो जाला। पंचांग के अनुसार भीष्म पंचक 2024 के व्रत आज से यानी 12 नवंबर 2024 से सुरू हो रहल बा, जवन 16 नवंबर 2024 के समाप्त होई। बता दीं कि चतुर मास के व्रत ना करे वाला लोग कार्तिक महीना के अंतिम पांच दिन यानी भीष्म पंचक के व्रत रख के चार महीना के व्रत के लाभ पावेला। अइसन स्थिति में ई व्रत के पूजा विधि आ महत्व के बारे में जानीं.

भीष्म पंचक व्रत पूजा विधि

पहिलका दिन, देव उत्थान एकादशी

भगवान के चरण में कमल के फूल चढ़ाई

दूसरका दिन, तुलसी विवाह

भगवान के बिल्वपत्र चढ़ाई

तीसरका दिन, विश्वेश्वर व्रत

भगवान के नाभि पs सुगंध (गंध) चढ़ाई

चौथा दिन, मणिकर्णिका स्नान

भगवान के कंधा पs जावा के फूल चढ़ाई

पांचवा दिन, कार्तिक पूर्णिमा

भगवान के मालती के फूल चढ़ाई

इहो मानल जाला कि पांच दिन के विष्णु पंचक के हर दिन गंगा भा कवनो दोसर पवित्र नदी में स्नान कs के भगवान के जल चढ़ावे से फायदा दुगुना हो जाला।

भीष्म पंचक व्रत के महत्व

भक्त लोग मोक्ष पावे खातिर आ आपन संतान के सुस्वास्थ्य आ सुखी जीवन खातिर एह व्रत के पालन करेला। भीष्म पंचक व्रत के महिमा के वर्णन पद्मपुराण में कइल गइल बा। कहल जाला कि कार्तिक के ई महीना भगवान श्री हरि के बहुते प्रिय होला आ एह महीना में सबेरे सबेरे स्नान कइला से भक्तन के सगरी तीर्थस्थल में स्नान करे के लाभ मिलेला.

 

 

 

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

Comments are closed.