ज्ञानवापी ममिला में हिंदू पक्ष के राहत, ‘शिवलिंग’ के संरक्षण अगिला आदेश तक रही जारी
वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मिलल कथित शिवलिंग के संरक्षण के ममिला में हिंदू पक्ष के सुक के बड़ राहत मिलल बा। सुप्रीम कोर्ट अगिला आदेश तक शिवलिंग के संरक्षण के बढ़ा देले बा।
सुप्रीम कोर्ट एकरा संगही कमेटी के याचिका प प्रतिपक्षन के जवाब दाखिल करे के निरदेस जारी कइले बा। सुप्रीम कोर्ट एह संबंध में लंबित सब आवेदन के निपटारा करत ओह लोग के जिला जज के सामने जवाब दाखिल करे के निरदेस देलेे बा।
ज्ञानवापी मस्जिद ममिला में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन जानकारी देले बाड़े कि उच्चतम न्यायालय सर्वेक्षण आयुक्त के नियुक्ति के संबंध में उच्च न्यायालय के आदेश के चुनौती देवे वाली ज्ञानवापी मस्जिद समिति के याचिका प हिंदू पक्षन से तीन हफ्ता में जवाब देवे के कहले बा। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ के अध्यक्षता वाला एगो पीठ एकरा पहिले बियफे के हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन के दलीलन प गौर करत कहले रहस कि ममिला में दिहल गइल संरक्षण के आदेश 12 नवंबर के समाप्त हो रहल बा आ एकर विस्तार के आवश्यकता बा।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में एगो अपील लंबित बा: वकील
जैन त्वरित सुनवाई खातिर ममिला के विशेष उल्लेख करत कहले रहस था कि संबंधित क्षेत्र के संरक्षण के आदेश के अवधि समाप्त हो जाई। हिंदू भक्तन के याचिका के सुनवाई के चुनौती देवे वाला मस्जिद समिति के याचिका के मवजूदा इस्थिति के बारे में पूछल गइला प, वकील बतवले रहस कि निचला अदालत एकरा के खारिज क देले रहे आ इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एगो अपील लंबित बा।
17 मई के दिहल गइल रहे परिसर के क्षेत्र के संरक्षित करे के आदेश
सुप्रीम कोर्ट 17 मई के एगो अंतरिम आदेश पारित करत वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट के ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर के अंदर के क्षेत्र के सुरक्षा सुनिश्चित करे के निरदेस देले रहे, जहां कथित शिवलिंग मिलल बा आ मुसलमानन के नमाज अदा करे के अनुमति देले रहे। शीर्ष अदालत मुसलमानन के ज्ञानवापी मस्जिद में नमाज अदा करे के अनुमतियो देले रहे। वाराणसी इस्थित त्वरित अदालत मस्जिद परिसर में पावल गइल ‘शिवलिंग’ के पूजा के अनुमति देवे वाला एगो अलग याचिका प मंगर के सुनवाई करत आपन फसीला 14 नवंबर तक खातिर टाल देले रहे। ज्ञानवापी परिसर में बंद भूमिगत स्थानन के सर्वेक्षण के मांग के लेके एगो आउर ममिला के सुनवाई जिला न्यायाधीश एके विश्वेश कर रहल बाड़े।
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