15 हजार डग्गामार बस अब अनुबंधित होके चली, उप्र. परिवहन निगम कइलस नीति में बदलाव

कुमार आशू

डग्गामार बस पर लगाम लगावे खातिर उप्र. राज्य परिवहन निगम इनके अनुबंधित करे जा रहल बा। निगम एकरे खातिर आपन अनुबंध नीति में बदलाव कइले बा। एकरे तहत रोडवेज के बस गांव-गांव ले पहुची।

रोडवेज अधिकारियन के मुताबिक प्रदेश में साढे़ तीन हजार से ज्यादा निजी बस डग्गामारी कर रहल बा। जबकि विभाग कुल 15 हजार बस के अनुबंध पर रखी। नयका अनुबंध नीति में एकरे खातिर प्रस्ताव तैयार कs के काम शुरू कs दिहल गइल बा। वर्तमान में रोडवेज के बेड़ा में 11200 बस के संचालन हो रहल बा। एमें 2200 बस अनुबंधित बा।

प्रबंध निदेशक रोडवेज संजय कुमार के मुताबिक लगभग 300 बस के अनुबंध के आशय चिट्ठियों जमा हो गइल बा। मार्च तक के लक्ष्य ई बा कि अनुबंधित बस के संख्या कम से कम पांच हजार कs दीहल जाई। एकरे बाद अगिला चरण शुरू कइल जाई।

लमहर दूरी तय करी

अनुबंधित बस में स्कैनिया, एसी, स्लीपर सब शामिल होई। सथही ई ग्रामीण क्षेत्र में 70 किलो मीटर के बजाय 150 किमी के दूरी तय करी। यानी एक्के बस कई जिला के कवर कs सकी।

आठ साल से पुरान निजी बस भी होई अनुबंधित

डग्गामार बसो के रोडवेज के बेड़ा में शामिल करे खातिर नयका नीति में कई छूट दिहल जा रहल बा। एकरे तहत ओ डीजल बस के संचालित करे के अनुमति दीहल जा रहल बा जौन पंजीयन तारीख से पांच साल के आयु पूरा कs चुकल होखे।

एकरे अलावा सीएनजी बस पंजीयन तारीख से आठ साल के आयु पूरा होखले ले अनुबंधित कइल जा सकी। मॉडल अउर पंजीकरण तारीख में एक साल के अंतर भी मान्य होई। नयका बसन के अनुबंध के बाद दू महीना समय दिहल जाई जबकि पुरान तत्काल चलावल जा सकी। अनुबंध अवधि दस बरिस के बा।

बड़ ट्रांसपोर्टरों लोग मैदान में

अनुबंध खातिर अइसन बड़ ट्रांस्पोर्टर भी मैदान में आ रहल बानें सब, जौन 50 बस तक के क्षमता रखेने। बरेली, गाजियाबाद, मुरादाबाद आदि में ट्रांसपोर्टर की बैठक करावल गइल। जेकर सकारात्मक परिणाम निकलल बा।
संजय कुमार, प्रबंध निदेशक रोडवेज

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