यूरिया घोटाला: विशेष अदालत खारिज कइलस सीबीआई के क्लोजर रिपोर्ट
22 साल के देरी पर उठल सवाल, लगवलस मजिगर फटकार
यूरिया घोटाले से संबंधित एगो मामला में सीबीआई के क्लोजर रिपोर्ट एगो विशेष अदालत खारिज कs देहले बा। अदालत एजेंसी से रिपोर्ट फाइल कइले में 22 साल के देरी के जांच करे अउर ई सुनिश्चित करे के कहले बा कि एह तरे के गलती दोबारा न होखे। विशेष न्यायाधीश सुरिंदर एस राठी कहने कि एह मामले में आखिरी बार जांच साल 1999 में सीबीआई कइले रहने। ऊ कहने कि ई साफ बा कि एजेंसी रिपोर्ट रोक रखले रहे, जौन कानूनी रूप से अस्वीकार्य बा।
न्यायाधीश राठी आगे कहने कि सीबीआई निदेशक के एह मामला के संज्ञान में लेवे के चाहीं अउर जरूरी कदम उठावे के चाहीं। एकरे संगही ओनके ई सुनिश्चित क के कार्रवाई करे के चाहीं कि न्याय के साथ एह तरह का व्यवहार दोबारा न होखे पाए।
अदालत कहलस, ‘एह मामला में सीबीआई के ओर से आखिरी जांच 1999 में भइल रहे अउर केहू एह बात के नाइ समझ पा रहल बा कि काहें ओ रिपोर्ट के रोक के रखल गइल अउर अइसन कइले से कौने उद्देश्य के प्राप्ति भइल।
एकरे संगही न्यायाधीश सीबीआई के भ्रष्टाचार विरोधी इकाई 1 के संयुक्त निदेशक के आदेश देहने कि मामला के जांच करें अउर एक रिपोर्ट जमा करें। ऊ कहने, ई एह अदालत खातिर चिंता के बात बा अउर सीबीआई निदेशक के भी चिंता होखे के चाहीं। न्यायाधीश कहने, ‘साफ बा कि जब मौजूदा अंतिम रिपोर्ट दायर कइल गइल रहल जब अधिकारी अउर संबंधित पुलिस अधीक्षक 22 साल के देरी के बारे में चर्चा कइल जरूरी नाइ समझने। जबकि उनके लग्गे एकर अवसर रहल। अइसन चुप्पी कानूनी रूप से अस्वीकार्य बा।’
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