तुलसी पौधा में पानी देना : इ 2 दिन में तुलसी पौधा के कबो जल ना चढ़ावे के चाहीं, मानल जाला कि देवी लक्ष्मी खिसिया जाली
तुलसी पूजा के टिप्स : हर घर में तुलसी के पौधा रखल शुभ मानल जाला। एह पौधा के रोज सूर्योदय के समय पानी दिहला से जीवन में सकारात्मकता आवेला अउरी जीवन खुशहाल होखेला, मानल जाता।
तुलसी पौधे में जलीकरण : सनातन धर्म में पेड़-पौधा के भी भगवान के बराबर मानल जाला। हमनी के देश में लगभग हर आँगन में एगो पौधा मिलेला, जवना के लोग रोज पानी चढ़ा के पूजा करेला। हँ, तुलसी (तुलसी पौधा), अइसन पौधा ह जवना में लक्ष्मी के निवास मानल जाला। हर घर में तुलसी के पौधा रखल शुभ मानल जाला। एह पौधा के रोज सूर्योदय के समय पानी दिहला से जीवन में सकारात्मकता आवेला अउरी जीवन खुशहाल होखेला, मानल जाता। हालांकि एगो मान्यता इहो बा कि कुछ दिन अयीसन होखेला जब तुलसी में जल दिहला से आपके जीवन में अशुभपन आ सकता, एहसे आजकल तुलसी के पौधा में जल ना देवे के चाही। चलीं जानी कि ऊ दिन कवन-कवन ह-
रविवार के तुलसी में जल ना चढ़ावल जाला
धार्मिक मान्यता के अनुसार तुलसी पौधा के शुभ के प्रतीक मानल जाला। कहल जाला कि जीवन में सुख, समृद्धि, सकारात्मकता आ सुख ले आवे खातिर तुलसी पौधा के रोज जल चढ़ावे के चाहीं। माई लक्ष्मी एही से खुश हो जाली, अईसन मान्यता बा। लेकिन रविवार के तुलसी के जल ना चढ़ावे के चाही। मानल जाला कि भगवान विष्णु माई तुलसी के बहुत प्रिय हवें। मान्यता बा कि माई तुलसी भगवान विष्णु खातिर रविवार के निर्जला के व्रत करेली अउरी पानी चढ़ावे से उनुकर व्रत टूट जाला, एहसे रविवार के तुलसी के पौधा के पानी ना चढ़ावल जाला।
एकादशी में भी तुलसी में जल ना चढ़ावल जाला
एकादशी के दिन भगवान विष्णु के पसंदीदा दिन मानल जाला, माई तुलसी के भी इ दिन बहुत पसंद बा। तुलसी जी के बियाह शालिग्राम जी से देवुथानी एकादशी के दिन भईल रहे। कहल जाला कि हर एकादशी के तुलसी माता भगवान विष्णु खातिर निर्जल व्रत करेले, एहसे एकादशी के तुलसी के जल ना चढ़ावे के चाही। ना ही तुलसी के पत्ता तोड़े के चाहीं। मानल जाला कि अयीसन कईला से देवी लक्ष्मी के आशीर्वाद ना मिलेला अउरी जीवन में नकारात्मकता आवेला। इहो मानल जाला कि लगातार अयीसन कईला से तुलसी के पौधा सूख जाला।
(अस्वीकरण: इहाँ दिहल जानकारी सामान्य मान्यता आ जानकारी पर आधारित बा। खबर भोजपुरी एकर पुष्टि नइखे करत।