सृजन संवाद में विमलचंद्र पांडेय सुनवलें कहानी ‘डर’
साहित्यिक संस्था सृजन संवाद के ऑनलाइन संगोष्ठी अतवार के आयोजित भइल। जवना में देस के प्रसिद्ध साहित्यकार आ कहानीकार विमलचंद्र पांडेय आपन कहानी ‘डर’ सुनवलें। कार्यक्रम के संचालन डॉ० विजया शर्मा आ कहानीकार के परिचय अजय मेहताब देलें।
मेहताब ज्ञानपीठ युवा लेखन से पुरस्कृत विमलचंद्र पांडेय के परिचय देत उनकर कृति ‘डर’, ‘मारण मंत्र’, ‘ई इलाहाब्बाद है भइया’, ‘मस्तूलों के इर्द-गिर्द’, ‘उत्तर प्रदेश की खिड़की’, ‘भले दिनों की बात थी’, ‘सिनेमा की दुनिया और दुनिया का सिनेमा’, लहरतारा आदि के जिकिर कइलें।
कहानी डर ग्रामीण परिवेश में जुवा होत बालिका के कहानी हs, जवन अपना आस पास आ समाज में घट रहल घटनाक्रमन से जूझत अपना अस्तित्व के रक्षा करे के कोसिस करत बा। दिल्ली से समीक्षक रश्मि रावत, रांची से लेखिका कनक लता, वैभवमणि त्रिपाठी कहानी पs टिप्पणी कइल लो। बनारस से नाटककार-फिल्मकार जयदेव दास धन्यवाद ज्ञापन कइलें। कार्यक्रम के दौरान रक्षा गीता (दिल्ली), कहानीकार विनीता परमार (पतरातु), मनमोहन चड्डा (देहरादून) सहित कइयन लोग मवजूद रहे।
यायावरी वाया भोजपुरी एप पs सुनल जा सकेला डर
विमलचंद्र पांडेय के एह कहानी ‘डर’ के भोजपुरी में प्रतिमा योगी के आवाज में भोजपुरी के पहिलका स्टोरीटेलिंग ऐप “यायावरी वाया भोजपुरी” पs सुनल जा सकेला। बता दीं कि एह कहानी के भोजपुरी अनुवाद सुधीर कुमार मिश्र के द्वारा कइल गइल बा। एकरा अलावे विमल चंद्र पांडेय के एगो आउर कहानी चश्मे यायावरी वाया भोजपुरी ऐप पs सुधीर कुमार मिश्र के सुनल जा सकत बा।
कहानी सुने खातिर एह लिंक पs किल्क करीं
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