निर्जला एकादशी 2024 , कब हs तिथि : निर्जला एकादशी के व्रत ज्येष्ठ महीना के शुक्ल पक्ष के एकादशी तिथि के मनावल जाला। ई अइसन व्रत हs, जवना के लोग साल भर इंतजार करेला। पुरी के ज्योतिषी डॉ गणेश मिश्रा से जानिएl निर्जला एकादशी कब बा? निर्जला एकादशी के व्रत आ पूजा के शुभ समय का होला? निर्जला एकादशी के व्रत के का महत्व बा?
निर्जला एकादशी के व्रत ज्येष्ठ महीना के शुक्ल पक्ष के एकादशी तिथि के मनावल जाला। ई अइसन व्रत हs, जवना के लोग साल भर इंतजार करेला। निर्जला एकादशी के व्रत 5 पांडव के द्वारा कइल गइल। कहल जाला कि भीमसेन के सबसे ज्यादा भूख लागल रहे अउरी ऊ व्रत ना कर सकत रहले, बाकी उहो एक बेर निर्जला एकादशी के व्रत कइले रहले। एही कारण से निर्जला एकादशी के भीमसेनी एकादशी भा पांडव एकादशी भी कहल जाला। केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषी डॉ. गणेश मिश्रा से जानिए निर्जला एकादशी कब बा? निर्जला एकादशी के व्रत आ पूजा के शुभ समय का होला? निर्जला एकादशी के व्रत के का महत्व बा?
निर्जला एकादशी कवना दिन होई?
वैदिक पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ महीना के शुक्ल पक्ष के एकादशी तिथि 17 जून के सबेरे 04:43 बजे से शुरू हो रहल बा। ई तारीख 18 जून के सबेरे 07:28 बजे खतम होखी । अइसन स्थिति में उदियातिथि के आधार पर निर्जला एकादशी के व्रत 18 जून के मनावल जाई।
निर्जला एकादशी 2024 मुहूर्त
निर्जला एकादशी के व्रत रखे वाला लोग के सूर्योदय के बाद भगवान विष्णु के पूजा करे के चाही। ओह दिन सुबह ही शिव योग के निर्माण हो रहल बा जवन 09:39 PM तक चलेला। ई एगो शुभ योग हs। ओकरा बाद सिद्ध योग के निर्माण होई।
निर्जला एकादशी 2024 पारण के समय
जे 18 जून के निर्जला एकादशी के व्रत करीहे, उ 19 जून के पारणा कs के व्रत पूरा करीहे। ओह दिन निर्जला एकादशी के व्रत तोड़े के समय सबेरे 05:24 बजे से सबेरे 07:28 बजे के बीच होला। द्वादशी सुबह 07:28 बजे के बाद समाप्त हो जाई।
निर्जला एकादशी व्रत के फायदा
निर्जला एकादशी व्रत बिना अन्न-पानि के मनावल जाला। ई व्रत साल में एक बेर होला। जे व्यक्ति साल भर 24 एकादशी के व्रत ना कर सकेला ओकरा निर्जला एकादशी के व्रत जरूर करे के पड़ी। एकरा से रउरा सभे एकादशी व्रत के गुण मिल जाई। तोहार पाप-दुख मेटा जाई। भगवान विष्णु की कृपा से आप मोक्ष पा सकते हैं।
निर्जला एकादशी व्रत के महत्व
वेद व्यास जी के सुझाव पर भीमसेन निर्जला एकादशी के व्रत कइले रहले। ई उनका खातिर बहुत मुश्किल रहे काहे कि ऊ भूखे ना रह सकत रहले । बाकि नरक जाए के डर से ऊ वेद व्यास जी से सलाह मंगले। निर्जला एकादशी के दिन व्रत रखला से आदमी सब पाप से मुक्त हो सकेला आ अंत में स्वर्ग के प्राप्ति हो सकेला।
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