2000 Note Last Date: ₹ 2000 के नोट बदलले के आजु आखिरी तारीख, समयसीमा समाप्त होखे के बाद अब आगे का होइ?
2000 रुपिया के नोट एक्सचेंज अंतिम तारीख : 30 सितंबर के अंतिम तिथि के बाद भी 2000 रुपिया के नोट वैध रही, लेकिन लेनदेन में स्वीकार ना होई। 30 सितंबर के अंतिम तिथि के बाद नोट के आदान-प्रदान सिर्फ आरबीआई से हो सकता।
दू हजार रुपिया के नोट लवटावे भा बदले के आखिरी तारीख आजु बा।भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मुताबिक, एक अक्टूबर से नोट के कीमत कम हो जाई अवुरी उ सिर्फ एगो अवुरी कागज हो जाई। केंद्रीय बैंक के ओर से 2000 रुपिया के नोट के विमुद्रीकरण के घोषणा के चार महीना बाद अब नोट के आदान-प्रदान के तारीख खतम होखे वाला बा।
1. का रउआ आजु के समय सीमा के बाद ₹2,000 के नोट के इस्तेमाल कs सकेनी?
30 सितंबर के अंतिम तिथि के बाद भी 2000 रुपिया के नोट वैध रही लेकिन लेनदेन में स्वीकार ना होई। 30 सितंबर के अंतिम तिथि के बाद नोट के आदान-प्रदान सिर्फ आरबीआई से हो सकता।
2. 2000 रुपया के नोट के आदान-प्रदान कईसे कईल जाला?
•30 सितंबर ले आरबीआई के 19 क्षेत्रीय कार्यालय चाहे नजदीकी बैंक शाखा में 2000 रुपया के नोट के आदान-प्रदान हो सकता।
• आपन नजदीकी बैंक भा आरबीआई के कवनो क्षेत्रीय कार्यालय में जाईं।
• बंद नोट के आदान-प्रदान भा जमा करे खातिर ‘रिक्वेस्ट स्लिप’ भरीं।
•आधार, ड्राइविंग लाइसेंस, मतदाता आईडी कार्ड, पासपोर्ट, चाहे नरेगा कार्ड जईसन दस्तावेज पs छपल आपन यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर समेत आपन विवरण भरीं।
•रउरा केतना नोट जमा करब एकर विवरण भरीं।
•उल्लेखनीय बा कि एक बेर में अधिकतम 20000 रु पया के नोट के आदान-प्रदान कईल जा सकता।
3. पिछला महीना तक बैंकन के कतना नोट वापस कs दिहल गइल रहे?
आरबीआई एक सितंबर के कहले रहे कि मई से अब तक करीब 93 प्रतिशत मुद्रा नोट बैंकिंग सिस्टम में वापस आ गईल बा। बैंक से मिलल आंकड़ा के मुताबिक 31 अगस्त 2023 तक प्रचलन से निकालल गईल 2000 रुपिया के बैंक नोट के कुल मूल्य 3.32 लाख करोड़ रुपिया रहे।
4. आरबीआई ₹2000 के नोट के विमुद्रित करे के फैसला काहे कईलस?
₹2000 के नोट नवंबर 2016 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) एक्ट, 1934 के धारा 24(1) के तहत पेश कईल गईल रहे। ई तब चलत रहे वाला सगरी 500 आ 1000 रुपिया के नोट के कानूनी मुद्रा के दर्जा वापस ले लिहला के बाद अर्थव्यवस्था के मुद्रा के जरूरत के तेजी से पूरा करे खातिर कइल गइल रहे। राज्य मंत्री पंकज चौधरी के मुताबिक नोट के शुरूआत के उद्देश्य तब पूरा भईल जब बाकी संप्रदाय के बैंक नोट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो गईल। उ कहले कि, ‘एह के देखत अवुरी आरबीआई के ‘स्वच्छ नोट नीति’ के तहत नोट वापस लेवे के फैसला भईल बा।
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