टॉलीवुड के जानल-मानल फिल्म डायरेक्टर आ एक्टर के. विश्वनाथ के बियफे के देर रात के निधन हो गइल। उ 92 साल के रहलें। लमहर बेमारी के चलते उनका के हैदराबाद के एगो निजी अस्पताल में भर्ती करवावल गइल रहे । उनकर पार्थिव देह अस्पताल से जुबली हिल्स स्थित उनकर निवास स्थान पs देर रात करीब 1 बजे ले आवल गइल। विश्वनाथ जी के साल 2017 में दादा साहब फाल्के अवार्ड से सम्मानित कइल गइल रहे। ई सम्मान इंडियन फिल्म इंडस्ट्री के सबसे बड़का अवॉर्ड हs। एकरा अलावा उन्हां के 6 गो नेशनल फिल्म फेयर अवॉर्ड, 8 गो स्टेट नंदी अवॉर्ड आ 10 गो फिल्मफेयर पुरस्कार अवॉर्ड से सम्मानित कइल जा चुकल बा।

अनिल कपूर से लेके एआर रहमान तक ले दिहल उनका श्रद्धांजलि …

साउंड आर्टिस्ट के रूप में करियर की शुरुआत की थी
के. विश्वनाथ के जन्म 19 फरवरी, 1930 के आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिला के रेपल्ले में भईल रहे। इंडस्ट्री में उनका के कला तपस्वी के नामो जानल जात रहे। उन्हा के हिंदू कॉलेज गुंटूर में इंटरमीडिएट के पढ़ाई कइले रहनी। एकरा बाद आंध्र विश्वविद्यालय से साइंस में स्नातक कइलें। आपन पढ़ाई खत्म कइले के बाद विश्वनाथ जी अपना फिल्मी करियर के शुरुआत वाहिनी स्टूडियो चेन्नई में एगो साउंड आर्टिस्ट के रूप में कइले रहलें।
71 सालन के लमहर करियर में 55 फिल्मन के कइले डायरेक्ट
के. विश्वनाथ 1951 में तेलुगु फिल्म पत्थल भैरवी में असिटेंट डायरेक्टर के रूप में काम कइले। एकरा बाद उन्हा के 1965 में फिल्म आत्मा गोवरवम के डायरेक्ट कइनी , जवन स्टेट नंदी अवॉर्ड जीतलस। उनकर सबसे बड़ फिल्मन में शंकरभरणम, स्वाथिनुथ्यम, सागर संगमम आ स्वयंकृषि जइसन बेहतरीन फिल्मन के लमहर लिस्ट बा। विश्वनाथ जी के आखिरी फिल्म साल 2010 में आईल रहे “सुभाप्रदम” जवना के उन्हा के डायरेक्ट कइले रहनी। करियर के 71 सालन में उन्हा के 55 गो फीचर फिल्मन में डायरेक्टर आ 43 गो फिल्मन में एक्टर के रूप में काम कइले रहनी।