अपराधी से आजाद करे वाला बिहार के ताकतवर आईपीएस अधिकारी, उनकर नाम जनता के होंठ प बनल बा
आईपीएस कहानी : आईपीएस डॉ. कुमार आशीष अभी पुलिस अधीक्षक, रेलवे, मुजफ्फरपुर के पद पर तैनात बाड़े। उ 2012 बैच के बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी हवन आ मधेपुरा, नालंदा, किशनगंज आ मोतिहारी में सपा के रूप में काम क चुकल बाड़े।
आईपीएस डॉ. कुमार आशीष जेएनयू में एम.फिल के पढ़ाई करत घरी यूपीएससी के तइयारी शुरू कइले रहले । उ अपना चउथा प्रयास में स्व-अध्ययन के माध्यम से यूपीएससी के परीक्षा पास क के अखिल भारतीय रैंक 363 हासिल कइले।
आईपीएस डॉ. कुमार आशीष बिहार कैडर के 2012 बैच के आईपीएस अधिकारी हउन । मधेपुरा, नालंदा, किशनगंज आ मोतिहारी में सपा के काम कइले बाड़न ।
डॉ. कुमार आशीष के जनम बिहार के जमुई जिला में भइल रहे। 12वीं पूरा कइला के बाद दिल्ली आ गइले। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन आ पीएचडी कइलन । उ 2001 में जेएनयू के प्रवेश परीक्षा में अखिल भारतीय टॉपर रहले।
हाल ही में किशनगंज के कोढ़ी बड़ी के सामूहिक बलात्कार के मामला में 7 आरोपी के गिरफ्तार क माननीय न्यायालय से सबसे कड़ा सजा मिलला, पीड़ित के 10 लाख रुपया के मुआवजा आ पीड़ित के पुनर्वास के सजा मिलला प डॉ. कुमार आशीष के केंद्रीय गृहमंत्री पदक से सम्मानित कइल गइल
डॉ. कुमार आशीष हालही में मुजफ्फरपुर जंक्शन प ‘रेल पुलिस पाठशाला’ के शुभारंभ कइले बाड़न जवना के तहत कबाड़ी उठावे वाला, परित्यक्त आ जरूरतमंद लइकन के मुफ्त शिक्षा दिहल जाई । मुजफ्फरपुर से एकर शुरुआत हो चुकल बा। लगभग दू दर्जन लइकन के अज्ञानता आ अपराध के संभावित दुनिया से मुक्त करावे खातिर एकरा के शुरू कइल गइल।
आईपीएस डॉ. कुमार आशीष के कहानी प्रेरणादायक बा आ साबित करत बा कि मेहनत आ लगन से केहू आपन सपना पूरा क सकेला । साधारण पृष्ठभूमि से आके उनकर बचपन कठिनाई से भरल रहे। आईपीएस कुमार आशीष अभी पुलिस अधीक्षक, रेलवे, मुजफ्फरपुर के पद प तैनात बाड़न।
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