यूपी के चित्रकूट में जब एगो घर के ताला टूटल त भीतर के नजारा देख के सभे स्तब्ध रह गईले। घर के भीतर एगो परिवार के तीन साल तक कैद रहले। कमरा के भीतर गंदगी के अलावा तंत्रमन्त्र के उपकरण रहे।
चित्रकूट मुख्यालय करवी से सतल तरुणहा तक के तंत्र-मंत्र के चलते इगो परिवार तीन साल से जादे समय तक घर में बंद रहल। चाइल्ड लाइन के टीम परिवार के लोग के जानकारी तक पहुंचल अवुरी पुलिस के मदद से सभके घर से बाहर निकाल के जिला अस्पताल ले गईल। प्राथमिक चिकित्सा के बाद उनुका के प्रयागराज रेफर में शिफ्ट कर दिहल गईल। चाइल्ड लाइन के संयोजक विश त्रिपाठी बतवले कि गुरुवार के सांझ के करीब चार बजे उनुका हेल्पलाइन नंबर 1098 के तरुणहा के दुर्गाकुंज स्थानीयता में एगो परिवार के तीन साल तक घर में बंद होखे के जानकारी मिलल।
इहाँ रहेवाला काशी केशरवानी (48 साल) अपना पत्नी पूनम (45 साल), बेटा रजत (13 साल) अवुरी बेटी आर्शीता (14 साल) के संगे घर के भीतर खुद के कैद क देले रहले। बतावल गईल कि काशी केहु के बाहर नईखन निकले देत।
कोतवाली करवी से पुलिस के संगे देर शाम चाइल्ड लाइन के दीपा शुक्ला अवुरी श्यामानंद मौका पे पहुंचले। घर के भीतर से ताला बहुत मेहनत के बाद खोलल गईल। दंपति अवुरी बच्चा कमरा के भीतर अंधेरा में जेल में बंद मिलल बाड़े। तंत्र-मंत्र के सामान के संगे कमरा गंदगी से भरल रहे अवुरी बच्चा के हालत बहुत खराब रहे। टीम एम्बुलेंस से सब लोग के लेके जिला अस्पताल में भर्ती करवलस।
पूछताछ के दौरान काशी बतवले कि नयका घर में अईला के बाद उ अपना नमकीन कारोबार में घाटा के चलते घर में पूजा करत रहले। उ बतवले कि उ खुद अपना परिवार के संगे पूजा करतारे अवुरी उनुकर इच्छा पूरा होखे तक पूजा करे के फैसला कईले बाड़े। हालांकि, चाइल्ड लाइन टीम के मानल बा कि उनुकर संपर्क कवनो ना कवनो गूढ़वादी के संपर्क में रहे।
मानसिक रूप से बेमार
बाल लाइन संयोजक विशेश त्रिपाठी बतवले कि दुनो लोग पूरा तरह से मानसिक रूप से बेमार देखाई देतारे। तंत्र-मंत्र के पीछे कुछ तंत्र त जरूर बा, जेकर जानकारी मांगल जा रहल बा। बियफे के दिने डाक्टर चारो के हालत गंभीर हो गइला पे प्रयागराज रेफर क दिहले बाड़न। प्रभारी निरीक्षक कर्वि गुलाब त्रिपाठी के कहनाम बा कि पुलिस टीम चाइल्ड लाइन के मिलल जानकारी के आधार पे गईल रहे। घर के भीतर कुछ गूढ़ काम मिलल बा। तांत्रिक के पता लगावल जा रहल बा, उनुका पे कार्रवाई होई।









