नीलामी के कगार पs सीतामढ़ी के रीगा चीनी मिल, नौ दिसंबर के इंतजार

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सीतामढ़ी के रीगा चीनी मिल नीलामी के कगार पs बा। एकरा के लेके कोलकाता इस्थित नेशनल कंपनी ला ट्रिब्यूनल कोर्ट 20 सितंबर के संकेत देले रहे। एहपर अंतिम फैसला नौ दिसंबर के आई।

कोर्ट स्पष्ट कहले बा कि ई फसीला अंतिम होई। 20 सितंबर के कोर्ट पवले रहे कि चीनी मिल के सीएमडी ओपी धानुका के तीन प्रस्तावन के उधारदाता लोगन के कमेटी, जेमे बैंक आफ इंडियो सामिल बा, नामंजूर कर चुकल बिया। ओमे बिहार सरकार के ओर से सामिल दु अधिवक्ता लोगन द्वारा कहल गइल रहे कि चीनी मिल के नीलामी करावल जाई। एकरा से प्राप्त राशि किसान आ मजदूर के हिस्सा के पईसा गन्ना विभाग के दिहल जई, ताकि ओह लो के हित सुरक्षित रहे। नीलामी के बाद जदि पईसा घटत बा तs ओपी धानुका के आउर प्रापर्टी जवन मिल के पईसा से किनल गइल बा, ओकरा के बेचके वसूलल जाई।

साल 2020 से बंद बा रीगा चीनी मिल 

घाटा में चल रहल रीगा चीनी मिल में पेराई-सत्र 2020 से बंद बा। पहिले मिल के पेराई क्षमता 35 से 40 लाख टन गन्ना के रहे। ई घटके 15 लाख टन रह गइल। अइसे में मिल के 15 से 20 करोड़ के घाटा होखे लागल। इहे वजह बा कि मिल के सीएमडी ओपी धानुका 23 दिसंबर, 2020 के सरकार के पत्र भेजके वित्तीय सहित आउर परेसानियन के कारण मिल परिचालन करे से हाथ खड़ा कs देले। भुगतान के दबाव होखला पs मिल 12 हजार किसानन के नाव पs केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) जारी कs के 80 करोड़ के कर्जदार बना दिहल। ममिला के लेके 22 अगस्त, 2020 के गन्ना उद्योग विभाग के ओर से चीनी मिल के सीएमडी ओपी धानुका आ वाणिज्य महाप्रबंधक आरके पांडे के खिलाफ धोखाधड़ी के ममिला दर्ज करावल गइल। जेमे चीनी मिल पs धोखाधड़ी कs के 12 हजार किसानन के बैंक के कर्जदार बनावे आ किसानन के बकाया के भुगतान के नाम पs 80 करोड़ रुपिया के निकासी के आरोप लगावल गइल। कंपनी के दिवालिया घोषित होखला के बाद से ममिला नेशनल कंपनी ला ट्रिब्यूनल कोर्ट में चल रहल बा।

रीगा चीनी मिल पs बा बकाया 

चीनी मिल पs 25 हजार किसानन के गन्ना मूल्य के 69 करोड़ बकाया बा, ब्याज समेत बढ़के अब ई राशि 80 करोड़ हो गइल बा। ओहिजा 1200 मिलकर्मी आ मजदूरन के वेतन-बोनस आ ओवरटाइम के 12 करोड़ बाकी बा। 12 हजार किसानन के नावे केसीसी लोन के 80 करोड़ बा, जवन ब्याज समेत 125 करोड़ हो गइल बा।

साभार: दैनिक जागरण

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