गोरखपुर के सर्किट हाउस के सोझे बनावल जाई जलाशय, पार्क से बढ़ी रौनक- ई होई सुविधा
गोरखपुर शहर के रामगढ़ताल क्षेत्र के रौनक के अउर बढ़ावे खातिर गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) 42 एकड़ में फइलल वाटर बाडी के एक हिस्सा के विकसित करे जा रहल बा। एकरे सथही सर्किट हाउस के सोझे जमीन पर नया जलाशय भी बनावल जाई। एह विकास काम में प्राधिकरण के कौनो धनराशि खर्च नाइ करे के पड़ी। दूनो ही काम सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) माडल पर कइल जाई। दावा कइल जा रहल बा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में पीपीपी माडल पर होखे वाला ई पहिला ढांचागत विकास के काम होई।
जीडीए जारी कइलस रिक्वेस्ट फार प्रपोजल
जीडीए दूनों काम खातिर रिक्वेस्ट फार प्रपोजल (आरएफपी) जारी कs दिहल गइल बा। एकरे मुताबिक वाटर बाडी के 6.5 हेक्टेयर हिस्सा यानी शुरूआती बिन्दु से बौद्ध संग्रहालय के निकट स्थित पुल तक के क्षेत्र के विकसित कइल जाई। जौने फर्म के भी ई टेंडर मिली, उनके अपने खर्च पs विकास कार्य करे के होई। बदला में व्यावसायिक गतिविधियन के सहारे ऊ आय अर्जित करिहें। वाटर बाडी के पानी के पूरा तरह से साफ कइल जाई। चारो ओर टहले खातिर ट्रैक बनावल जाई। वाटर बाडी के अउर गहिर कइल जाई। जदी पहिले से कुछ टेंडर होई त उनके समाप्ति के बाद नयका फर्म के अधिकार मिली।
एह फर्म के रेस्टोरेंट खोले के दिहल जाई अधिकार
वाटरबाडी विकसित करे वाले फर्म के नौकायन पs स्थित तिरंगा स्थल के पास के करीब 50 डिसमिल जमीन पर रेस्टोरेंट खोले के अधिकार दिहल जाई। एकरे सथही सर्किट हाउस के सोझे 6.5 एकड़ जमीन पs एगो जलाशय बनावल कइल जाई। ओकरे चारो ओर टघरे के जगह होई। पार्क विकसित कइल जाई। बचवन के खेलले से ले के मनोरंजन के दूसर संसाधन भी होई। इहां भी आय अर्जित करे के व्यवस्था फर्म द्वारा कइल जा सकी। टेंडर डारे के समय फर्म के विकास के कार्ययोजना भी देवे के होई। पांच दिसंबर ले आनलाइन टेंडर डारल जा सकी।
ई होई सुविधा
प्रभारी मुख्य अभियंता किशन सिंह बतवलें कि सर्किट हाउस के सोझे विकसित होखे वाले जलाशय तैरत फौव्वारा के व्यवस्था होई। एकरे चारो ओर चहारदिवारी भी बनावल जाई। चारो ओर आकर्षक पौधे लगावल जाई। पार्क में बचवन के खेले के व्यवस्था होई। लगहीं पार्किंग भी बनाई जाई, जहवाँ 20 कार अउर 50 बाइक ठाढ़ हो सकी। वाटरबाडी में नौकायन के सुविधा होई।
का कहने अधिकारी
जीडीए उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह तंवर बतवलें कि रामगढ़ताल क्षेत्र के खूबसूरती के अउर बढ़ावे खातिर वाटर बाडी के सुंदरीकरण करावल जाई। सर्किट हाउस के सोझे जमीन पs जलाशय अउर पार्क बनावल जाई। दूनों काम पीपीपी माडल पर होई। एकरे खातिर आरएफपी जारी कइल जा चुकल बा।
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