रामनाथ पांडेय जयंती विशेष:भोजपुरी के पहिला उपन्यासकार रामनाथ पांडेय
रामनाथजी भोजपुरी के गौरव स्तंभ ना रहले, संवेदना, मानवता आ भारतीय संस्कृति के जीवंत छवि भी रहले। ओह कालजयी कृतिकार के बेर बेर नमन।
भोजपुरी के पहिलका उपन्यासकार रामनाथ पाण्डेय जी के जन्म 8 जून, 1924 के रतनपुर, जन छपरा (सारन) में स्व० जीवनन्दन पाण्डेय जी के बेटा के रूप में भइल रहे। उहाँ के पैतृक गाँव नवतन (एकमा प्रखण्ड) सारण रहे। साहित्यरत्न, साहित्यालंकार आ स्नातक (वाणिज्य) से शिक्षित श्री पाण्डेय जी रेलवे विभाग में नौकरी कइनी आ हिंदी भोजपुरी के साहित्य भंडार के समृद्ध कइनी। श्री पाण्डेय जी के साहित्यानिधि, विद्यालंकार आ भोजपुरी भास्कर के मानक उपाधि मिलल रहे। उहाँ के अनेक सम्मान से सम्मानित भइल रहनी जैमे श्री जगन्ननाथ सिंह पुरस्कार (‘इमरीतिया काकी’ उपन्यास पर), श्री राज मंगल सिंह पुरस्कार ( महेन्दर मिसिर’ उपन्यास पर) के सथवे चर्चना, सप्रस्वर (छपरा) नटराज कला व संगीत विद्यालय, छपरा से आ जमुनानन्द शोध संस्थान छपरा, महेन्दर मिसिर सम्मान (पन्नापुर, मसरख, सारण) से सम्मानित रहनी ।
राउर प्रकाशित पुस्तकन में 12 गो हिन्दी उपन्यास के सथवे भोजपुरी उपन्यास बिंदिया (भोजपुरी के पहिलका उपन्यास, 1956), जिनगी के राह (1982), महेन्दर मिसिर (1996) इमरीतिया काकी (1997) आ आधे-आध (1998) बा। राउर कहानी संग्रह सतवन्ती 1988, देश के पुकार पर – 1999 आ अन्हरिया छपिटात रहे – 2000 बा। आप नवांकुर (हिन्दी कविता संग्रह), हनुमन्त वंदना (हिन्दी कविता), सद्गुरु चरणामृत (जीवनी) आ भोजपुरी कहानी के त्रैमासिक पत्रिका) के संपादन कइले बानी। आप अ. ना. भो. भाषा सम्मेलन पत्रिका के सहयोगी सम्पादको रहल बानी। एकरा सथवे श्री पाण्डेय जी चाक (भोजपुरी कहानी के त्रैमासिक पत्रिका) आ नवनियाल (भोजपुरी के पहिलका बाल पत्रिका) के प्रकाशन कइले बानी। आप भोजपुरी विकास भवन, छपरा के संस्थापक रहनी। आप एगारे गो निबंध, दू गो संस्मरण लिखले बानी आ अनेक आलेख पाठ कइले बानी ।
श्री रामनाथ पाण्डेय जी के लगभग 50 साहित्यिक, सांस्कृतिक, सामाजिक आ राजनैतिक संस्थन से जुड़ाव रहल आ आप भारतीय जनता पार्टी के कला आ साहित्य निर्माण मंच, सारण जिला के भूतपूर्व अध्यक्ष आ सारण जिला इकाई के भोजपुरी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष, रहनी ।
रामनाथजी भोजपुरी के गौरव स्तंभ ना रहले, संवेदना, मानवता आ भारतीय संस्कृति के जीवंत छवि भी रहले। ओह कालजयी कृतिकार के बेर बेर नमन।
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