गोरखपुर : लोक संस्कृति, लोक कला आ लोक परंपरन के संवर्धन आ संरक्षण करे वाली संस्था पुरवाई कला के ओर से 29 आ 30 मार्च के पुरवाई लोकोत्सव के आयोजन होई। एगो निजी होटल के सभागार में सनीचर के संस्था के संरक्षक पुरवाई लोकोत्सव के ब्रोशर के लोकार्पण कइल लो। एकरा संगही सभागार में उपस्थित कला, साहित्य आ रंगकर्म से जुड़ल साधक कार्यक्रम के उत्कृष्ट बनावे खातिर आपन सुझाव दिहल लो।
लोक संगीत, लोक चित्रन के कार्यशाला लगावल जाई
संस्था के संरक्षण डॉ. हर्ष वर्धन राय कहलें कि लोक संगीत, लोक चित्रन सहित अउरियो कला के कार्यशाला के आयोजन कइल जाव ताकि जादे से जादे से स्कूलन के विद्यार्थियन के जुड़ाव हो सके आ ऊ आपन प्राचीन संस्कृति के करीब से जान सके लो। ऊ कहलें कि शहर में अलग-अलग तरह के सांस्कृतिक आ साहित्यिक आयोजन कइल जा रहल बा। ई लोकोत्सव अपना तरे के अनूठा प्रयोग बा। प्रो. हर्ष सिन्हा कहलें कि पुरवाई कला के अलग-अलग आयोजन में गइल भइल बा। सीमित संसाधनन में संस्था मंच के भव्यता के बरकरार रखेला। इंटरनेट मीडिया के माध्यम से एह आयोजन के आम जन तक ले जाइल जाव।
संस्कृतिकर्मी रूपेश कुमार सुझाव देत कहलें कि एह आयोजन में परंपरा से जुड़ल प्रदर्शनी में जवन वस्तु लगावल जाव ओकरा बारे में हिंदी, अंग्रेजी आ भोजपुरी भाषा में बतावल जाई ताकि ओकरा के पीढ़ी ओकरा के जान सके। लीड बैंक के मैनेजर मनोज श्रीवास्तव कहलें कि लोक संस्कृति के क्षरण के रोके खातिर जादे से जादे से घरेलू महिलन के जोड़ल जाव। संस्था के अध्यक्ष ममता श्रीवास्तव सब कला साधकन के अभिवादन करत कहलें कि एकरा पहिले रउआ सभे के बहुते सहजोग मिलल बा ओकरा के बरकरार रखीं। ई हमार ना राउरो आयोजन हs।
एकरा पूर्व संरक्षक शबनम श्रीवास्तव, अनुपम श्रीवास्तव, डॉ. हर्ष वर्धन राय एवं प्रो. हर्ष सिन्हा ब्रोशर के लोकार्पण कइल लो। एही क्रम में रूपेश कुमार, मनोज श्रीवास्तव, डाॅ. त्रिलोक रंजन, अनुपम सहाय, महेश वालानी, ध्रुव श्रीवास्तव, प्रदीप सुविज्ञ, डा. भारत भूषण, दीप्ति, शालू, पुंजिका, अनिता, रीना जायसवाल, रीता, आजाद, राकेश, नितिन जायसवाल, संगीता भास्कर, राहुल, विशाल, शीला, मलय मिश्रा आदि आयोजन के बेहतर बनावे खातिर सुझाव दिहल लो।
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