हिंदी आ भोजपुरी के प्रख्यात कवि पंडित हरिराम द्विवेदी के सोमार के दिने दुपहरिया 2:30 बजे उनुका आवास पs निधन हो गइल। पंडित हरिराम द्विवेदी के जनम 12 मार्च 1936 के मिर्जापुर के शेरवा गाँव में भइल रहे। उनुका निधन के जानकारी मिलते शुभचिंतकन में उदासी के माहौल बन गईल।
मर्यादा इस देश की पहचान है, गंगा पूजा है, धर्म दिन है, ईमान है, गंगा जइसन प्रसिद्ध गंगा गीत सहित सैकड़ों भोजपुरी काव्य रचना करे वाला देश के ख्याति लाभ साहित्यकार पंडित हरिराम द्विवेदी के सोमार के मोती झील स्थित आवास पs निधन हो गइल । पंडित हरिराम द्विवेदी अखिल भारतीय रेडियो आ भोजपुरी जगत के बड़का व्यक्तित्व रहले। उहाँ के बहुत लोकप्रिय कवि रहनी।
अकादमी भाषा सम्मान, राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार, (उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के ओर से), साहित्य भूषण (उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के ओर से), साहित्य सारस्वत सम्मान (हिंदी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग) समेत अउरी कई गो पुरस्कार मिलल रहे।
संकट मोचन संगीत समारोह समेत कई गो बड़हन समारोहन में मंच साझा करे के साथे दर्जन काव्य रचना के संपादन करे के साथे उहाँ के भोजपुरी के बहुत प्रसिद्ध कवि रहनी। समाजसेवी रामयश मिश्रा जी के कहनाम बा कि भोजपुरी साहित्य के एगो चमकत सितारा खतम हो गइल बा।
मुख्य कवि संग्रह
उनकर मुख्य कविता संग्रह अंगनइया, पातरि पीर, जीवनदायिनी गंगा, साई भजनावली, पानी कहे कहानी, पहचान, नारी, रमता जोगी, बैन फकीर, हाशिये का दर्द, नदियो गइल दुबराय आदि रहे।
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