भगवान गनेश के पूजा भाद्रपद महीना के शुक्ल पक्ष के चतुर्थी तिथि से शुरू होला। एकरा संगे इs पूजा 10 दिन ले चलेला। आजुकाल्हु बप्पा के पूजा तमाम शहरन में होला बाकिर महाराष्ट्र आ ओकरा से सटल शहरन में एह पूजा के अधिका धूमधाम से मनावल जाला. एह दौरान लोग भगवान गणेश जी के बहुत धूमधाम से पूजा करेला। अब जब परब के बात होखे तs मिठाई के बिना अधूरा हो जाला आ जब भगवान गणेश के बात होखे तs उनकरा के मोदक चढ़ावल जाला. ई उनका बहुते प्रिय हs.
एह प्रसाद में सबसे महत्वपूर्ण बा मोदक। मोदक भगवान गणेश के बहुत प्रिय बा। हालांकि बाजारन में मोदक मिल जाला बाकिर अगर रउरा चाहत बानी तs रउरा अपना घर में भगवान गणेश के पसंदीदा मोदक के आसानी से बना सकेनी.
मोदक बनावे के सामग्री
*1 कप चावल के आटा
*1/2 कप मैदा
*देसी घी
*केसर
*नमक
*1/4 कप रवा
*1/2 कप बेसन
*3/4 पिसी शक्कर
*किशमिश-कादू
*पिस्ता- बादाम बारीक कटल
*इलायची पाउडर 1 चम्मच
मोदक बनावे के तरीका
सबसे पहिले गुड़ आ कुछ पानी कड़ाही में मध्यम लौ पs गरम कइल शुरू करीं। जब पानी उबलल शुरू हो जाई तs गुड़ पिघल के चासीनी के रूप ले ली। धीरे-धीरे घोल गाढ़ हो जाई। एकरा बाद ओकरा में कसाइल नारियल डाल के बढ़िया से मिला लीं। एह मिश्रण के लगभग 5 से 7 मिनट ले पके दीं। जब नारियल आ गुड़ बढ़िया से मिल जाव. एकरा बाद एकरा के लौ से उतार लीं ताकि मिश्रण सूख जाव। अब ओकरा में इलायची के पाउडर अवुरी कटल सूखा फल डाल दीं। एह सब के भी बढ़िया से मिला लीं।
अब मोदक के आटा बनावे खातिर कड़ाही में एक कप पानी, नमक आ घी डाल के उबाल लीं। जब पानी उबल जाए लागे तs ओकरा में चावल के आटा डाल दीं। आटा के बढ़िया से मिला लीं ताकि कवनो गांठ ना बने। अब आटा के ढक के 5 से 7 मिनट ले पकाईं। एक बेर फेरु से आग के लौ बंद कs के मिश्रण के कम से कम 10 मिनट ले ठंडा होखे दीं।
जब ठंडा भइल आटा तनी कड़ा हो जाव तs ओकरा के हाथ से गूंध के छोट-छोट गोला बना लीं। एकरा बाद हर गोल आटा के फैला के ओकरा के पताल डिस्क के आकार दीं। एकरा बाद ओकरा में नारियल आ गुड़ के घोल मिला लीं।
अब स्टीमर में पानी उबाल लीं। मोदक के स्टील के प्लेट भा बर्तन में रख के स्टीमर में 10 से 15 मिनट ले भाप से लीं। एकरा बाद स्टीमर से मदक निकाल के ठंडा होखे दीं। फिलिंग में सूखा फल आ खोया भी डाल सकेनी। एकरा पs चांदी के परत भी लगा सकतानी। एकरा बाद राउर स्वादिष्ट मोदक तैयार हो जाई।
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